लॉकडाउन में भी घर बैठे खरीद सकते हैं सस्ता सोना, सरकार दे रही है मौका
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत आप एक ग्राम सोने में भी निवेश कर सकते हैं.
कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है. शेयर बाजार हिचकोले खा रहा है. निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड में निवेश कर रहे हैं. बढ़ती मांग से सोने की कीमतों में भी उछाल आ गया है. लेकिन अगर आप सोने (Gold) में निवेश की सोच रहे हैं तो केंद्र सरकार आपको घर बैठे ही सस्ती दरों पर सोना मुहैया कर रही है.
भारत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) जारी करने का फैसला किया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स 20 अप्रैल से 8 सितंबर तक छह किस्तों में जारी किए जाएंगे.
1 ग्राम सोने में भी कर सकते हैं निवेश
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत आप एक ग्राम सोने में भी निवेश कर सकते हैं. आप यहां एक साल में कम से कम एक ग्राम और ज्यादा से ज्यादा 500 ग्राम सोना खरीद सकते हैं. खास बात ये है कि गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने से आपको टैक्स छूट भी मिलती है.
सोने पर ब्याज भी
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें निवेश करने पर आपको सालाना 2.5 फीसदी तक का ब्याज भी मिलेगा.
20 अप्रैल को पहली किस्त
सॉवरेन गोल्ड की पहली किश्त 20 अप्रैल से 24 अप्रैल तक के लिए खुलेगी. इस किस्त को 2020-21 Series I नाम दिया गया है. इसकी छठवीं यानी आखिरी किस्त 31 अगस्त को खुलेगी. इसे 2020-21 Series VI नाम दिया गया है.
इसमें एक और खास बात ये है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई और भुगतान करने पर बॉन्ड की कीमत में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट भी मिलेगी.
यहां से खरीद सकते हैं सॉवरेन गोल्ड
Sovereign Gold Bond को आप अपने बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुनिंदा पोस्ट ऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) या बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से खरीद सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी. इसका मकसद फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाना और सोने में निवेश के लिए इस्तेमाल होने वाले पैसे का इस्तेमाल करना है.
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खासियत
- इस योजना के तहत न्यूनतम निवेश 1 ग्राम है.
- अधिकतम निवेश 500 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) है.
- गोल्ड बॉन्ड स्कीम डीमैट और पेपर फॉर्म में उपलब्ध है.
- इस योजना का कार्यकाल आठ वर्ष का है, जिसमें 5 वें वर्ष से बाहर निकलने के विकल्प हैं.
- गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल ऋण लेने के लिए भी किया जा सकता है.
- गोल्ड बॉन्ड आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है.