ब्रोकर्स के खुद की ट्रेडिंग से जुड़े नियमों में बदलाव करेगा Sebi, प्रॉप और क्लाइंट ट्रेडिंग का अलग होगा सेटलमेंट
SEBI: सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने कहा कि प्रॉप ट्रेडिंग और क्लाइंट के ट्रेडिंग का नेट सेटलमेंट करने के बजाय अलग-अलग सेटलमेंट करने पर विचार किया जा रहा है.
SEBI: मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ब्रोकर्स के खुद की ट्रेडिंग से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रहा है. सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने कहा कि प्रॉप ट्रेडिंग और क्लाइंट के ट्रेडिंग का नेट सेटलमेंट करने के बजाय अलग-अलग सेटलमेंट करने पर विचार किया जा रहा है.
सेबी का मानना है कि प्रॉप ट्रेडिंग और क्लाइंट ट्रेडिंग के नेट सेटलमेंट की वजह से सिस्टेमिक रिस्क पैदा होने की आशंका रहती है. अभी क्लीयरिंग मेंबर के लेवल पर नेट सेटलमेंट की वजह से कई बार ब्रोकर की शॉर्ट पोजीशन का निपटारा क्लाइंट के लॉन्ग पोजीशन से किया जाता है. सेबी ने इस मामले पर एक वर्किंग ग्रुप भी बनाया था जिसकी सिफारिश मिली है.
सेबी चेयरपर्सन ने ज़ी बिजनेस के सवाल पर कहा कि प्रॉप ट्रेडिंग के दुरुपयोग पर सेबी की नजर है और ब्रोकिंग कम्युनिटी के साथ इस पर बात भी हो रही है.
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प्रॉप और क्लाइंट ट्रेडिंग का अलग सेटलमेंट
- ज़ी बिजनेस के सवाल पर सेबी चेयरपर्सन का जवाब
- क्लाइंट के फंड, शेयर का दुरुपयोग रोकने पर विचार
- अभी क्लीयरिंग मेंबर के लेवल पर ही नेट सेटलमेंट
- सिस्टमिक रिस्क की आशंका को देखते हुए प्रस्ताव
- कई बार ब्रोकर का क्लाइंट पोजीशन से सेटलमेंट
- मामले पर वर्किंग ग्रुप बना था जिसकी सिफारिश आई
- ब्रोकर को क्लाइंट, प्रॉप के लिए अलग खाते रखने होंगे
- अलग क्लीयरिंग बैंक अकाउंट, पूल अकाउंट खुलेगा