SEBI Study: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) की एक स्टडी जारी हुई है. इसके मुताबिक, इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग में 10 में से 9 ट्रेडर्स को घाटा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, FY24 में 91.5% ऑप्शन ट्रेडर्स को घाटा हुआ है. जबकि 60% को फ्यूचर्स में नुकसान हुआ. FY22-24 के बीच ट्रेडर्स को बतौर ट्रांजैक्शन लागत पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च हुए. 50 हजार करोड़ रुपये में करीब 25,000 करोड़ रुपये ब्रोकर्स पर खर्च हुए. वहीं, 13,800 करोड़ रुपये STT, GST, स्टांप ड्यूटी भरा. ट्रेडर्स ने 10,200 करोड़ रुपये बतौर एक्सचेंज फीस भरा.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

FY24 में हर ट्रेडर्स ने औसतन 26,000 करोड़ रुपये F&O ट्रांजैक्शन चार्ज भरा है. ट्रांजैक्शन लागत का करीब 51% ब्रोकरेज और करीब 20% एक्सचेंज फीस है. जितनी ज्यादा रकम की ट्रेडिंग, उतना ही ज्यादा घाटा. SEBI की F&O ट्रेडिंग पर जारी नई स्टडी के मुताबिक, FY22-24 के बीच ₹1 करोड़ से अधिक ऑप्शन प्रीमियम वाले 95% ट्रेडर्स को घाटा हुआ जबकि FY22-24 के बीच ₹1 लाख - ₹1 करोड़ तक ऑप्शन प्रीमियम वाले 93.8% ट्रेडर्स को घाटा हुआ.

ये भी पढ़ें- Navratna PSU को मिला ₹1,260 करोड़ का ऑर्डर, शेयर में तेज उछाल, सालभर में दिया 204% रिटर्न

93% युवा ट्रेडर्स ने FY24 में F&O सेगमेंट में घाटा उठाया

FY22-24 के बीच ₹1 लाख से कम ऑप्शन प्रीमियम वाले 91.5% ट्रेडर्स को घाटा हुआ. 30 साल से कम आयु के F&O ट्रेडर्स की संख्या FY23 में 31% से बढ़कर FY24 में 43% हुई. 93% युवा ट्रेडर्स ने FY24 में F&O सेगमेंट में घाटा उठाया.

₹5 लाख से कम सालाना आय वाले F&O ट्रेडर्स की भागीदारी बढ़कर 76% हो गई. भागीदारी FY22 की 71% से बढ़कर FY24 में 76% हुई. F&O ट्रेडिंग वाले सबसे ज्यादा ट्रेडर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से हैं.

ये भी पढ़ें- मल्टीबैगर स्टॉक में लगा 5% का अपर सर्किट, रेलवे से मिला वर्क ऑर्डर, 1 साल में दिया 140% रिटर्न