Sebi: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) और सोशल स्टॉक एक्सचेंज (Social Stock Exchange) से संबंधित अपनी सलाहकार समितियों (Advisory Committees) का रिस्ट्रक्चर किया है. सेबी ने अपनी FPI एडवाइजरी कमिटी में फेरबदल करते हुए कहा कि पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया अब 16 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता करेंगे. पहले इस समिति की अध्यक्षता भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम कर रहे थे.

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मार्केट रेगुलेटर ने बताया कि जीआईसी (GIC) के प्रबंध निदेशक च्यू हाई जोंग और जेपी मॉर्गन के माइकल ड्रमगूले को इस समिति में शामिल किया गया है.

कमिटी में ये हुए शामिल

सेबी ने Social Stock Exchange से संबंधित समिति में समुन्नति फाइनेंशियल इंटरमीडिएशन एंड सर्विसेज (Samunnati Financial Intermediation & Services) के संस्थापक एवं सीईओ अनिल कुमार, सस्टेनेबिलिटी (HCL Tech) के वैश्विक प्रमुख संतोष जयरामन, गाइडस्टार इंडिया (GuideStar India) की संस्थापक एवं सीईओ पुष्पा अमन सिंह और बीआईएल रायर्सन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप इनक्यूबेटर फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक हेमंत गुप्ता को शामिल किया है.

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मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन और इन्फोसिस के पूर्व निदेशक टीवी मोहनदास पई, ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया की एमडी रूपा कुडवा और बीएआईएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन (BAIF Development Research Foundation)  के गिरीश जी सोहानी अब समिति का हिस्सा नहीं हैं.

इस 18 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता अब ग्रासरूट रिसर्च एंड एडवोकेसी मूवमेंट (GRAAM) के अध्यक्ष आर बालासुब्रमण्यम करेंगे. पहले इसके प्रमुख इशात हुसैन (एसबीआई फाउंडेशन के निदेशक और टाटा संस के पूर्व वित्त निदेशक) थे.

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पैनल सोशल एंटरप्राइजेज के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क से संबंधित मुद्दों पर Sebi को सलाह देने के लिए जिम्मेदार होंगे. ऐसे सोशल एंटरप्राइजेज को नियंत्रित करने वाली प्रणालियों में सरलीकरण और पारदर्शिता के लिए कानूनी ढांचे में बदलाव के लिए उठाए जाने वाले मामलों पर नियामक का सुझाव देता है.

जुलाई में कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने सोशल एंटरप्राइजेज को फंड जुटाने के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के लिए social stock exchange के लिए एक फ्रेमवर्क अधिसूचित की. सोशल स्टॉक एक्सचेंज भारत में एक नई अवधारणा है और इस तरह के एक्सचेंज का उद्देश्य निजी और गैर-लाभकारी क्षेत्रों को अधिक से अधिक पूंजी प्रदान करना है.

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