Religare Enterprises case: मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Religare Enterprises) की सब्सिडियरी रेलिगेयर फिनवेस्ट (Religare Finvest) के फंड की हेराफेरी से संबंधित एक मामले में सात इकाइयों को 15 दिन के अंदर 4.3 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा है. Sebi ने इसके साथ ही नियत समय में यह राशि नहीं चुकाने पर संबंधित इकाइयों की संपत्तियों और खातों को कुर्क करने की चेतावनी भी दी है.

इन कंपनियों को भेजा नोटिस

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सेबी ने यह राशि वसूलने के लिए गिरफ्तारी या हिरासत में लेने का विकल्प भी रखा है. जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है, उनमें टोरस बिल्डकॉन, आर्टिफाइस प्रॉपर्टीज, रोजस्टार मार्केटिंग, ऑस्कर इन्वेस्टमेंट, एड एडवर्टाइजिंग, जोल्टन प्रॉपर्टीज और सौभाग्य बिल्डकॉन हैं.

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सेबी ने अक्टूबर, 2022 में इन यूनिट्स पर लगाए गए जुर्माने को नहीं चुकाने के बाद यह मांग नोटिस भेजा है. सोमवार को भेजे नोटिस में सेबी ने कंपनियों को 15 दिन के अंदर 4.3 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा है. इसमें ब्याज और वसूली लागत शामिल हैं.

क्या है मामला?

सेबी (Sebi) ने रेलिगेयर फिनवेस्ट (Religare Finvest) के फंड की हेराफेरी करने के लिए अक्टूबर, 2022 में इन 7 कंपनियों समेत 52 यूनिट्स पर कुल 21 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था. इस मामले में बाजार नियामक ने टोरस पर 85 लाख रुपये, आर्टिफाइस पर 65 लाख रुपये, ऑस्कर और रोजस्टार पर 60-60 लाख रुपये, जोल्टन और एड एडवर्टाइजिंग पर 50-50 लाख रुपये और सौभाग्य बिल्डकॉन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

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