घाटे सहने में भेदभाव वाली AIF स्कीमों पर सेबी की सख्ती, कहा - ऐसी स्कीमों में नए निवेश से बचें
सेबी ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि निवेशकों को ऐसी स्कीमों में नए निवेश से बचना चाहिए. क्योंकि ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं कि स्पॉन्सर्स घाटे का बोझ कम ले रहे. जबकि नियम था कि जिस अनुपात में निवेश किया जा रहा है उसी हिसाब से घाटे का बोझ भी होगा.
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने निवेशकों के हित में बड़ा ऐलान किया है. इसके तहत सेबी ने घाटे सहने में भेदभाव वाली अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (AIF) स्कीमों पर सख्ती दिखाई है.
ऐसी स्कीमों से बचने की सलाह
सेबी ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि निवेशकों को ऐसी स्कीमों में नए निवेश से बचना चाहिए. क्योंकि ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं कि स्पॉन्सर्स घाटे का बोझ कम ले रहे. जबकि नियम था कि जिस अनुपात में निवेश किया जा रहा है उसी हिसाब से घाटे का बोझ भी होगा. लेकिन घाटे का बोझ यह कहकर ज्यादा डाला जा रहा था कि पेमेंट में प्रॉयरिटी है.
AIPAC और इंडस्ट्री के साथ बातचीत जारी
मार्केट रेगुलेटर इस मामले पर अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट पॉलिसी एडवाइजरी कमेटी (AIPAC) और इंडस्ट्री के साथ विचार कर रही है. हालांकि, AIF में कम से कम निवेश की शर्त एक करोड़ रुपए होती है, जिसे बड़े निवेशक डायवर्सिफिकेशन के लिए अपनाते हैं.
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सेबी ने बढ़ाई AIF पर सख्ती
हाल के महीनों में सेबी ने AIF से जुड़े नियमों में काफी निगरानी और सख्ती बढ़ाई है. उम्मीद की जा रही है कि AIPAC और इंडस्ट्री के साथ मीटिंग के बाद इस ओर सख्ती और बढ़ सकती है. इससे निवेशकों के लिए निवेश के लिहाज से घाटे का बोझ होगा.