ट्रेड, निवेशकों और ब्रोकर्स के लिए बड़ी खबर है. स्टॉक एक्सचेंज पर साइबर अटैक (Cyber Attack) होने पर भी सौदे नहीं रुकेंगे. सेबी इस मामले पर काम कर रही है. सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Sebi Chief Madhabi Puri Buch) ने कहा कि दोनों बड़े एक्सचेंजेज के साथ इस पर काम किया जा रहा है. मार्च तक इसकी लाइव टेस्टिंग भी करने की तैयारी है. सेबी चीफ IIM बेंगलुरु के दीक्षांत समारोह में बोल रही थीं. 

साइबर अटैक होने पर भी नहीं रुकेंगे सौदे 

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Sebi चीफ ने कहा, साइबर अटैक होने पर भी सौदे नहीं रुकेंगे. एक एक्सचेंज का सारा डेटा दूसरे में शिफ्ट हो सकेगा. क्लाइंट पोजीशन, को-लैटरल सब कुछ शिफ्ट हो सकेगा. BSE और NSE के साथ सेबी मिलकर काम कर रही है. एक एक्सचेंज के डेटा सेंटर में दूसरे का डेटा कॉपी होगा. सेबी से बटन दबाते ही डेटा दूसरे एक्सचेंज में कॉपी होगी. सेबी मार्च तक इसकी लाइव टेस्टिंग की तैयारी कर रही है. साइबर अटैक होने पर मुमकिन है कि DR भी न चले.

टेक्नोलॉजी की मदद से पकड़ी जाएगी मिस सेलिंग! 

उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी की मदद से मिस सेलिंग पकड़ी जाएगी. ऐसे मामले जो कानून की मंशा के खिलाफ उन पर फोकस होगा. सेबी टेक्नोलॉजी की मदद लेकर रोकने की कोशिश करेगी. मिस सेलिंग जैसे मामलों को भी डेटा, टेक से रोका जाएगा.

डेटा और एल्गो से सेबी पकड़ रही गड़बड़ियां

सेबी डेटा और एल्गोरिद्म के जरिए बाजार में गड़बड़ियां पकड़ रही है. सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि टेक्नोलॉजी की वजह से आज सेबी इतना सक्षम है कि गड़बड़ी कहां से हुई इसका सटीक पता लगा सकती है. बुच ने कहा कि फ्रंट रनिंग का मामला इस हद तक पता लगाने में आज सेबी सक्षम है कि गड़बड़ी ब्रोकर के यहां से हुई है या फिर खुद म्यूचुअड फंड हाउस से हुई.

 

उन्होंने कहा कि डेटा के आधार पर ही सेबी ने गड़बड़ियों को पास कर ऑर्डर जारी किए हैं. हालांकि उन्होंने ये भी बात कही कि सेबी के मौजूदा नियम टेक्नोलॉजी के मुकाबले पीछे रह गए हैं. जिसकी वजह से कई मामलों में सेबी को निराशा हाथ लगी है. लेकिन अब टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाने के साथ उसके मुताबिक नियमों को भी बदलने पर काम किया जा रहा है.