शेयर बाजार में धमाकेदार रिटर्न के चलते निवेशकों की संख्या में तेजी बढ़ोतरी देखी जा रही. इससे NSDL और CDSL में डीमैट खातों में तेजी से इजाफा हुआ है. इसके साथ ही मार्केट में फ्रॉड की घटनाओं में भी उछाल आया है. नतीजतन, निवेशकों को भारी नुकसान होता है. इस पर लगाम कसने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI और एक्सचेंजेस ने ठोस कदम उठाया है. इसके तहत पेनी यानी सस्ते भाव वाले शेयरों के नाम पर निवेशकों को चूना लगाने वालों पर एक्शन लिया जाएगा. सेबी और एक्सचेंजेज ने मिलकर इसे रोकने के लिए नया नियम भी लागू किया है. ये नियम सोमवार यानि 5 जून से लागू हो रहा है.

पेनी स्टॉक्स पर कड़े कदम

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ऑपरेटर्स के शेयर पंप-डंप करने पर लगेगी रोक

सेबी के निर्देश के बाद एक्सचेंजेस ने की सख्ती

Enhanced surveillance measure (ESM)

500 cr रु से कम मार्केट की कंपनियों पर लागू

भाव में बदलाव देख सख्ती का पैमाना तय होगा

सोमवार 5 जून से लागू किए जायेंगे ये नियम

सरकारी कंपनियों, सरकारी बैंक पर लागू नहीं

F&O वाले शेयर्स पर भी लागू नहीं होगा नियम

हर हफ्ते शेयरों की स्थिति की समीक्षा होगी

एक बार एंट्री तो 90 कैलेंडर दिन तक लागू होगा

क्या होगी सख्ती

ESM स्टेज 1

सौदे करने पर 100% मार्जिन देना पड़ेगा

5% प्राइस बैंड के साथ ट्रेड फॉर ट्रेड सेटलमेंट

एक बार एंट्री तो 90 दिन तक ESM लागू

ESM स्टेज 2

2% प्राइस बैंड के साथ ट्रेड फॉर ट्रेड सेटलमेंट

हफ्ते में केवल एक दिन ही ट्रेडिंग की छूट

पीरियोडिक कॉल ऑक्शन के साथ वीकली ट्रेडिंग

एक बार एंट्री तो कम से कम 1 महीने तक ESM

कैसे होगा चुनाव

पहला पैमाना: हाई-लो प्राइस वैरिएशन

3,6,12 महीने के हाई-लो भाव देख कर सिलेक्शन

भाव सभी कंपनियों के औसत से अधिक बदलने पर

3 महीने में भाव में बदलाव 75% से अधिक होने पर

6 महीने में बदलाव 100% से अधिक हुआ तो लागू

12 महीने में बदलाव 150% से अधिक हुआ तो लागू

दूसरा पैमाना: क्लोज 2 क्लोज प्राइस वैरिएशन

क्लोज 2 क्लोज प्राइस वैरिएशन भी ज्यादा होने पर लागू

ये प्राइस वैरिएशन 3 महीने में 50% से अधिक होने पर

6 महीने में क्लोज 2 क्लोज वैरिएशन 75% से अधिक

12 महीने में क्लोज 2 क्लोज वैरिएशन 100% से ऊपर

 

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