Mutual Funds के लिए खुशखबरी! एक्टिव ELSS बंद कर पैसिव स्कीम लाने की मिली छूट, माननी होंगी ये शर्तें
ELSS Mutual Funds: SEBI ने म्यूचुअल फंड्स हाउसेज़ को इजाजत दी है कि वो चाहें तो एक्टिव ELSS स्कीम को बंद कर ओपेन एंडेड पैसिव ELSS स्कीम ला सकती हैं. सेबी ने म्यूचुअल फंड्स के संगठन AMFI को चिट्टी लिखी है.
ELSS Mutual Funds: मार्केट रेगुलेटर SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने म्यूचुअल फंड्स हाउसेज़ को इजाजत दी है कि वो चाहें तो एक्टिव ELSS स्कीम को बंद कर ओपेन एंडेड पैसिव ELSS स्कीम ला सकती हैं. सेबी ने मंगलवार को म्यूचुअल फंड्स के संगठन AMFI (Association of Mutual Funds in India) को चिट्टी लिखकर ये बात कही है. यहां ये साफ कर दें कि सेबी ने म्युचुअल फंड्स को मई, 2022 में ही पैसिव ELSS लॉन्च करने की अनुमति दे दी थी. लेकिन अब तक शर्त ये थी कि म्यूचुअल फंड या तो एक्टिव ELSS ला सकते हैं या फिर पैसिव ELSS चला सकते हैं, अब एक्टिव से पैसिव में बदलने की मंजूरी मिली है.
हालांकि इसके लिए शर्तें भी रखी हैं जैसे मौजूदा एक्टिव ELSS स्कीम में निवेशकों का निवेश लेना बंद करना होगा. बंद करने के पहले सभी यूनिटहोल्डर्स को स्कीम के एक्टिव से पैसिव में बदलने की वजह और फायदे बताने होंगे. इस पर बाकायदा एक राष्ट्रीय अंग्रेजी अखबार और एक म्यूचुअल फंड के मुख्यालय वाले इलाके के हिसाब से क्षेत्रीय अखबार में विज्ञापन भी देना होगा.
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म्यूचुअल फंड्स हाउसेज़ को कौन-कौन सी शर्तें माननी होंगी?
- सारे यूनिट होल्डर्स को वो तारीख बतानी होगी जिससे कि सब्सक्रिप्शन बंद होगा. साथ ही किस तारीख से पैसिव ELSS शुरू होगी इसकी जानकारी भी देनी होगी.
- अगर निवेशक स्कीम से निकलना चाहें तो लॉक इन के बाद उन्हें एक्जिट का मौका भी देना होगा अगर निवेशक एक्जिट न करना चाहे तो उसे ये जानकारी देनी होगी कि स्कीम पैसिव तरीके से मैनेज की जाएगी.
- पैसिव स्कीम लॉन्च करने के पहले बाकी स्कीम की तरह स्कीम इनफॉर्मेशन डॉक्यूमेंट सेबी के पास दाखिल कर मंजूरी लेनी होगी.
- एक्टिव स्कीम के बंद होने के तीन साल के भीतर म्यूचुअल फंड हाउस को दोनों स्कीम के मर्जर का डिस्क्लोजर देना होगा. ELSS स्कीम का इस्तेमाल टैक्स सेविंग स्कीम के तौर पर जमकर किया जाता है.
- बीते साल ही सेबी ने पैसिव ELSS लाने की छूट दी थी.कई बार निवेशक सीमित जोखिम और अनुमानित नियमित रिटर्न को देखकर पैसिव ELSS पसंद करते हैं. पैसिव स्कीम में फंड हाउसेज तय बेंचमार्क पर नजर रखते हुए ही निवेश के फैसले लेते हैं और बेंचमार्क के रिटर्न को मैच करने की कोशिश करते हैं.
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