शेयर बाजार के लिए सितंबर का पहला हफ्ता ऐतिहासिक रहा. बाजार के प्रमुख इंडेक्स निफ्टी ने रिकॉर्ड 20110 का सर्वोच्च स्तर छुआ. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी रिकॉर्ड हाई पर ट्रेड कर रहे. बाजार में तेजी का यह सिलसिला कितनी दूर तक जाएगा? निवेशकों के लिए किन सेक्टर में निवेश का मौका बन रहा? समेत बाजार के से जुड़े अन्य कई सवालों पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने दिग्गज निवेशक और मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

बाजार की तेजी जारी रहेगी?

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रामदेव अग्रवाल ने कहा कि बीते करीब 42 सालों में बाजार 670 गुना बढ़े हैं. लेकिन आने वाले समय में बाजार की तेजी और ज्यादा होगी. ऐसे में बाजार में अगले 43 साल में और ज्यादा तेजी से वेल्थ बनेगी. उन्होंने कहा कि निवेशकों को पावर ऑफ कंपाउंडिंग की ताकत समझना बेहद जरूरी है. फिलहाल बाजार में तेजी का ट्रेंड जारी है. इस बाजार में हर निवेशक ने मुनाफा कमाया है. 

लार्ज कैप vs मिडकैप

दिग्गज निवेशक ने कहा कि निवेशकों का रुझान मिडकैप में निवेश की तरफ बढ़ा है. रामदेव अग्रवाल ने कहा कि उनके जीवन का सबसे बड़ा इकोनॉमिक इवेंट रिटेल रेवोल्यूशन है, जिसके तहत रिटेल निवेशकों की भागीदारी बाजार में बढ़ी है.  यह 1992 के वैश्विकरण से भी बड़ा है. रिटेल निवेशकों के लिए बाजार पूरी तरह सेफ है. इसमें सबसे बड़ा योगदान SEBI का है. कोविड के बाद रोज करीब 40 लाख नए खाते खुले. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत के 50 करोड़ नागरिकों के पास डायरेक्ट और इनडायरेक्ट शेयर होंगे.

अब बाजार में पैसा कहां बनेगा?

रामदेव अग्रवाल ने कहा कि अब पैसा इक्विटी में बनेगा. लॉन्ग टर्म में अगर पैसा बनाना है तो उसके लिए शेयर बाजार में ही बेस्ट होगा. उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड में निवेश करते रहें, अच्छा मुनाफा बनेगा. फाइनेंशियल सेक्टर में अभी बहुत ग्रोथ बाकी है.  

रामदेव अग्रवाल की पसंदीदा थीम

  • फाइनेंशियल
  • बैंकिंग
  • AMC
  • ब्रोकिंग
  • इंश्योरेंस

बाजार में रिस्क कहां?

दिग्गज निवेशक ने कहा कि क्रूड की कीमतों को लेकर रिस्क है. क्योंकि ब्रेंट 70-72 डॉलर से 90 डॉलर पर आ गया है. अब अगर 100 या 110 डॉलर के पास पहुंचा, तो पूरा एनर्जी सेक्टर प्रभावित होगा. कोल प्राइसेज, लॉजिस्टिक प्राइसेज भी बढ़ जाएंगी. इसका असर पर्चेंजिंग पावर पर भी देखने को मिल सकता है. इससे लिक्विडिटी पर भी पड़ेगा. यानी क्रूड प्राइसेज बाजार के लिए जोखिम हैं. 

निफ्टी का 1000 से 20000 का सफर

निफ्टी        तारीख                   दिन

1000        22 अप्रैल 1996           -

2000        9 जनवरी 2004              2818

3000        30 जनवरी 2006              752

4000        1 दिसंबर 2006              305

5000        27 सितंबर 2007             300

6000         1 नवंबर 2007              35

7000        12 मई 2014             2384  

8000         1 सितंबर 2014              112  

9000         3 मार्च 2015              183  

10000       25 जुलाई 2017              875  

11000       23 जनवरी 2018              182  

12000       23 मई 2019              485  

13000       24 नवंबर 2020              551  

14000       31 दिसंबर 2020              37  

15000       5 फरवरी 2021               36  

16000       3 अगस्त 2021               179  

17000      31 अगस्त 2021               28  

18000      11 अक्टूबर 2021               41

19000      28 जून 2023               625

20000       8 सितंबर 2023             75

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