NSEL case: नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (NSEL) मामले में ब्रोकर्स को सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) से थोड़ी राहत मिली है. SAT ने 'फिट एंड प्रॉपर' मामले पर सेबी के आदेश के खिलाफ कमोडिटी ब्रोकर्स की अर्जी मंजूर कर ली है. साथ ही इस मामले को वापस सेबी के पास भेज दिया है और इस पर नए सिरे से फैसला करने को कहा है. ट्रिब्यूनल ने संक्षिप्त आदेश को पढ़ते हुए कहा कि "ब्रोकर्स की अपील मंजूर की जाती है. मामले को फिर से सेबी के होलटाइम मेम्‍बर के पास भेजा जा रहा है, ताकि वो मामले को नए सिरे से देखें और आदेश पारित करें."

2019 में ब्रोकर्स के खिलाफ आया था आदेश 

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सेबी ने 2019 में NSEL से जुड़े कई ब्रोकर्स के खिलाफ आदेश जारी किया था, जिसमें सेबी ने ये आरोप लगाया था कि ये ब्रोकर्स कामकाज के लिए 'फिट एंड प्रॉपर' यानी योग्य नहीं हैं. सेबी ने आदेश में योग्य न मानने के पीछे इन ब्रोकर्स की NSEL केस में मिलीभगत का आरोप लगाया था. सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि जांच एजेंसियों ने NSEL केस में गंभीर आपत्तियां पाई हैं. सेबी ने आदेश में ये भी लिखा था कि जिस तरह की टिप्पणियां अदालतों की ओर से की गईं हैं, वो ब्रोकर्स की छवि, काबिलियत, ईमानदारी, चरित्र और निष्ठा को भारी नुकसान पहुंचाने वाली हैं. ऐसे में निवेशकों की भलाई के लिए उन्हें काम करने देना ठीक नहीं होगा. 

इन ब्रोकर्स के खिलाफ था आदेश 

सेबी ने ब्रोकर्स पर आरोप लगाया था कि ब्रोकर्स एक तरह से NSEL के पेयर्ड कॉन्ट्रैक्ट को बढ़ावा दे रहे थे. फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट के खिलाफ काम करने और एक्सचेंज पर एक तरह से फाइनेंसिंग को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. सेबी ने आदेश में कहा था कि 'फिट एंड प्रॉपर' के पैमाने के लिए छवि एक अहम है. ऐसे में ब्रोकर्स की छवि जिस तरह से खराब हुई है, उन्हें फिट एंड प्रॉपर नहीं माना जा सकता. इस मामले में सेबी ने मोतीलाल ओसवाल कमोडिटीज ब्रोकर्स, आननंद राठी कमोडिटीज, इंडिया इंफोलाइन कमोडिटीज, फिलिप कमोडिटीज और जियोफिन कमोडिटीज के खिलाफ आदेश जारी किया था. 

 

क्‍या कहते हैं जानकार 

NSEL मामले पर पैनी नजर रखने वाले एक कानूनी जानकार ने बताया," मामला अब फिर से सेबी के पास जाएगा. जहां नए सिरे से कारण बताओ नोटिस जारी होगा और सुनवाई होगी. संभव है कि NSEL केस से जुड़े मामले पर सभी अदालतों के आदेशों, टिप्पणियों को भी ध्यान में रखकर ब्रोकर्स से सवाल जवाब किए जाएं और फिर सेबी अपना फैसला सुनाए." 

NSEL में 5600 करोड़ रु का घोटाला 

NSEL में 2013 में करीब 5600 करोड़ रु का घोटाला सामने आया था, जिसमें मेंबर्स के डिफाल्ट की वजह से 13000 निवेशकों के पैसे फंस गए. बाद में कई जांच एजेंसियां इस मामले की जांच में जुट गईं. NSEL के फाउंडर जिग्नेश शाह की गिरफ्तारी हुई, जबकि कुछ ब्रोकिंग फर्म्स के अधिकारियों और डिफाल्टिंग मेंबर्स की भी गिरफ्तारी हुई. 

 

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