Stock Market: भारत की आर्थिक बुनियाद के मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों में भरोसे और घरेलू स्तर पर लिक्विडिटी में सुधार का शेयर बाजार में बड़ा असर दिख रहा है. इस साल अबतक छोटी कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को अधिक रिटर्न दिया है. BSE Midcap Index इस साल 16 जुलाई तक 10,984.72 अंक या 29.81 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि स्मॉलकैप में 11,628.13 अंक या 27.24 प्रतिशत का उछाल आया है.

Mid-Smallcap शेयरों में क्यों रही तेजी?

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Swastika Investmart के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा, ‘‘ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के बेहतर प्रदर्शन की मुख्य वजह घरेलू स्तर पर नकदी में उछाल है. म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (PMS) और प्रत्यक्ष निवेश के जरिये इन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में घरेलू धन का प्रवाह हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम वर्तमान में एक संरचनात्मक तेजी वाले बाजार में हैं...जहां मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर बेहतर प्रदर्शन करते हैं.’’ न्याति ने कहा, ‘‘ हालांकि बड़े शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली के कारण वे मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों से पीछे रह गए.’’

कितना ऊपर चढ़े इंडेक्स?

बीएसई मिडकैप सूचकांक इस साल 16 जुलाई को 48,175.21 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया, जबकि स्मॉलकैप आठ जुलाई को 54,617.75 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 16 जुलाई को 80,898.3 अंक के अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचा था.

मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘ इस वर्ष सेंसेक्स की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स के बेहतर प्रदर्शन की वजह प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता वस्तुओं में क्षेत्र-विशेष में उछाल और उनका निचला मूल्यांकन और अर्थव्यवस्था की उच्च वृद्धि क्षमता को दिया जा सकता है.’’