Market Knowledge: डिविडेंड बेनेफिट चाहिए तो एक्स डेट से पहले खरीदें शेयर, जानें क्यों इतनी अहम ये है डेट
Why Ex-Record Date Important: कई बार कंपनी तिमाही नतीजों के दौरान ही डिविडेंड का भी ऐलान करने कर देती है. कंपनी जब भी डिविडेंड (Dividend Announcement Date) की घोषणा करती है, उस समय 4 डेट्स बहुत अहम मानी जाती हैं.
Why Ex-Record Date Important: शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां समय-समय पर कॉरपोरेट एक्शन के तहत निवेशकों (Shareholders) को खुशखबरी और बड़ी खबर देती हैं. इसमें डिविडेंड, बोनस शेयर इश्यू, स्टॉक स्प्लिट जैसे कॉरपोरेट एक्शन शामिल हैं. कोई भी कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को ज्यादा मुनाफा कमाने की स्थिति में डिविडेंड का ऐलान करती है. इसमें स्पेशल डिविडेंड (Special Dividend), अंतरिम डिविडेंड (Interim Dividend) और फाइनल डिविडेंड (Final Dividend) दिया जाता है. कंपनी निवेशकों को खुश करने के लिए भी डिविडेंड का ऐलान करती है. सामान्य तौर पर कंपनियां जब तिमाही नतीजे पेश करती हैं तो उस दौरान निवेशकों को दिए जाने वाले डिविडेंड का भी ऐलान कर देती हैं. कंपनी डिविडेंड के ऐलान करते समय कुछ अहम डेट्स की भी जानकारी देती है, जिन पर निवेशकों की नजर होती है.
डिविडेंड के ऐलान के दौरान ये डेट्स होती हैं अहम
हाल ही में कंपनी ने दूसरी तिमाही के नतीजे पेश किए थे. कई बार कंपनी तिमाही नतीजों के दौरान ही डिविडेंड का भी ऐलान करने कर देती है. कंपनी जब भी डिविडेंड (Dividend Announcement Date) की घोषणा करती है, उस समय 4 डेट्स बहुत अहम मानी जाती हैं. ये हैं-
- डिविडेंड अनाउंसमेंट डेट
- डिविडेंड एक्स डेट
- डिविडेंड रिकॉर्ड डेट
- डिविडेंड पेआउट डेट
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एक्स और रिकॉर्ड डेट क्यों हैं अहम?
किसी भी कॉरपोरेट एक्शन के दौरान एक्स और रिकॉर्ड डेट का बहुत बड़ा योगदान होता है. निवेशकों के लिहाज से ये दोनों ही डेट्स काफी अहम मानी जाती हैं. रिकॉर्ड डेट कंपनियो के लिए अहम है, इस दिन तक जिन निवेशकों के पोर्टफोलियो या डीमैट खाते (Demat Account) में कंपनी के शेयर होंगे, उन्हें ही कंपनी डिविडेंड का फायदा देगी. रिकॉर्ड डेट कंपनी के लिहाज से काफी अहम है.
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कंपनी ने 25 दिसंबर को डिविडेंड रिकॉर्ड डेट (Dividend Record Date) के तौर पर चुना है तो 25 दिसंबर से पहले जिन भी निवेशकों या शेयरधारकों के पास कंपनी के शेयर होंगे, उन्हें ही डिविडेंड का फायदा मिलेगा. हालांकि इसमें एक ट्विस्ट है.
भारत में T+1/T+2 सेटलमेंट का हिसाब
बता दें कि भारत में T+1/T+2 सेटलमेंट का हिसाब है. इसका मतलब ये है कि अगर आपने 20 दिसंबर को शेयर खरीदे हैं तो वो आपको अगले एक या दो कारोबारी दिन बाद अपने डीमैट अकाउंट में दिखाई देंगे. जिस दिन शेयरों की खरीद की ट्रांजैक्शन होगी, उसके 2 दिन बाद शेयरों की डिलिवरी पोर्टफोलियो में होगी. ऐसे में एक्स डिविडेंड डेट और भी अहम हो जाती है.
क्यों अहम होती है एक्स डिविडेंड डेट (Ex Dividend Date)?
एक्स डिविडेंड डेट T+1/T+2 सेटलमेंट की समस्या का निदान है. एक्स डिविडेंड डेट यानी कि रिकॉर्ड डेट से एक या दो कारोबारी दिन पहले ट्रेंडिंग करना. अब मान लीजिए कि 25 दिसंबर रिकॉर्ड डेट है तो ऐसे में 24 या 23 दिसंबर एक्स डिविडेंड डेट (Dividend Date) होगी. एक्स डिविडेंड डेट इसलिए जरूरी है क्योंकि भारत में T+1/T+2 सेटलमेंट का हिसाब है. अगर आपने आज शेयर खरीदे हैं तो वो एक या दो दिन बाद डीमैट खाते में रिफ्लेक्ट होंगे. ऐसे में कंपनी की ओर से तय की गई रिकॉर्ड डेट से पहले शेयरों को खरीदना जरूरी है, क्योंकि इन्हें सेटल होने में समय लगता है.
हालांकि अगले साल जनवरी से F&O के शेयर T+1 सेटलमेंट पर ट्रेड करेंगे. मार्केट रेगुलेटर सेबी (Securities Exchange Board Of India) धीरे-धीरे कंपनियों के शेयरों का सेटलमेंट T+1 पर करने जा रही है. अगर आपको भी कंपनी की ओर से जारी डिविडेंड का फायदा उठाना है तो आपको एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयरों को खरीदना होगा. तभी रिकॉर्ड डेट से पहले कंपनियों के पास इस बात की रिकॉर्ड होगा कि आपके खाते में कंपनी के शेयर हैं या नहीं.
डिविडेंड पेआउट डेट क्या है?
इस दिन कंपनी की ओर से निवेशकों के खाते में डिविडेंड का भुगतान किया जाता है. ये डिविडेंड प्रक्रिया का फाइनल स्टेप होता है. इस दिन आपके डीमैट खाते से जुड़े बैंक खाते (Bank Account) में डिविडेंड का पैसा आ जाएगा.