LIC IPO: बाजार, सरकार और भारतीय परिवारों के लिए बीमा कंपनी क्यों है इतनी खास? हर तरफ गहमागहमी
LIC IPO: UBS की एनॉलसिस के मुताबिक, भारतीय परिवार की तरफ से प्रत्येक 100 रुपये की बचत में से 10 रुपया LIC को जाता है.
LIC IPO Updates: सरकारी बीमा कंपनी LIC अपना IPO ला रही है. बीमा कंपनी की ओर से सेबी के पास दाखिल DRHP के मुताबिक, इस पब्लिक ऑफर में फ्रेश इक्विटी नहीं होंगे. सरकार ऑफर फार सेल यानी OFS के जरिए अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. बताया जा रहा है कि सरकार आईपीओ के जरिए करीब 65,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है. हाल ही में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड़ ने कहा था कि LIC के शेयर 31 मार्च, 2022 से पहले बाजार में लिस्ट हो जाएंगे. देश के सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी LIC के IPO का हर जगह बेसब्री से इंतजार है. LIC IPO में पॉलिसी होल्डर्स को बढ़िया डिस्काउंट देने की तैयारी चल रही है. बहरहाल, सरकार की इस मूल्यवान बीमा कंपनी के पब्लिक इश्यू को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच यह जानना जरूरी है कि यह कंपनी सरकार, बाजार और भारतीय परिवारों के लिए क्यों इतनी खास है.
LIC: मार्केट के लिए कितनी अहम
ग्लोबल रिसर्च फर्म UBS की एक रिपोर्ट में कहा है कि LIC की लिस्टिंग वैल्युएशन 172 अरब डॉलर हो सकती है. इस तरह एलआईसी लिस्टिंग के साथ ही मार्केट कैप के लिहाज से भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी. मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, करीब 50 फीसदी इश्यू नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और रिटेल के लिए होगा. सेबी की लिस्टिंग गाइडलाइन के मुताबिक सरकार को एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी 2 साल के भीतर 10 फीसदी और 5 साल में 25 फीसदी घटानी होगी.
LIC भारतीय इक्विटीज में सबसे बड़ी फंड मैनजर है. इसका कुल एयूएम 520 अरब डॉलर का है. वहीं, भारतीय बाजारों में एलआईसी सबसे बड़ी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर भी है. 130 अरब डॉलर का इक्विटी AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) है, जिससे एलआईसी को घरेलू इंस्टीट्यूशनल एयूएएम में 29 फीसदी हिस्सेदारी मिलती है. यह भारत में सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का 50 फीसदी से ज्यादा है. इस तरह, भारतीय इक्विटीज में LIC की करीब 4 फीसदी हिस्सेदारी है.
LIC सरकार के लिए क्यों है खास
UBS की रिपोर्ट के मुताबिक, LIC सरकार के लिए कई तरह एक महत्वपूर्ण कंपनी है. सरकारी बॉन्ड्स में LIC की हिस्सेदारी 19 फीसदी से ज्यादा है. इस लिहाज से यह RBI से भी बड़ी है. इससे ज्यादा होल्डिंग सिर्फ कॉमर्शियल बैंकिंग सिस्टम में ही है. नियमानुसार बैंकों को सरकारी बॉन्ड्स होल्ड करना होता है. लिस्टिंग के बाद LIC का सरकार के लिस्टेड शेयरों के पोर्टफोलियो में सबसे बड़ा निवेश (43% of US$377bn in AUM) होगा.
विनिवेश के जरिए सरकार की बजट फाइनेंसिंग के नजरिए से यह काफी अहम प्वाइंट है. वैल्युएशन के आधार पर LIC के जरिए सरकार को वित्त वर्ष 2022 के 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. सरकार आने वाले 2 और 5 सालों में इसमें हिस्सेदारी और कम करेगी. यानी, आने वाले सालों में विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में इसका रोल खास होगा.
LIC: हाउसहोल्ड के लिए क्यों है अहम
LIC का आदर्श वाक्य “योगक्षेमं वहाम्यहम्” है. जिसका अर्थ है “आपका कल्याण हमारी जिम्मेदारी है”. इसे गीता से लिया गया है. UBS की एनॉलसिस के मुताबिक, भारतीय परिवार की तरफ से प्रत्येक 100 रुपये की बचत में से 10 रुपया LIC को जाता है. इस तरह एलआईसी में जमा होने वाली बचत SBI के पास हाउसहोल्ड सेविंग्स डिपॉजिट से ज्यादा है. हालांकि, धीरे-धीरे यह गैप कम हो रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार IPO को लेकर आकर्षण पैदा करने के लिए एलआईसी के बड़े कस्टमर बेस का फायदा उठा सकती है. एलआईसी के पास करीब 28 करोड़ पॉलिसी है. इस तरह, देश के हर परिवार के पास एलआईसी की एक पॉलिसी है.
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LIC IPO के मर्चेंट बैंकर
सरकार ने पिछले साल सितंबर में देश के सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के मेगा आईपीओ के मैनेजमेंट के लिए गोल्डमैन सॉक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड सहित 10 मर्चेंट बैंकरों को नियुक्त किया था. दूसरे चयनित बैंकरों में एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, बोफा सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड शामिल हैं. सिरिल अमरचंद मंगलदास को आईपीओ (IPO) का कानूनी सलाहकार नियुक्त किया गया है.