IPO मार्केट से पैसा बनेगा? डायग्नोस्टिक कंपनी को मिल रहा सुस्त रिस्पॉन्स, पैसा लगाएं या नहीं?
Suraksha Diagnostic IPO Subscription Status: Suraksha Diagnostic IPO में सोमवार दोपहर 12:30 तक कुल 0.20 गुना यानी 20% की बोलियां आई थीं. रिटेल कैटेगरी में 0.36 गुना, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की ओर से 0.06 गुना सब्सक्रिप्शन आया था.
Suraksha Diagnostic IPO Subscription Status: डायग्नोस्टिक चेन Suraksha Diagnostic शेयर बाजार में लिस्ट होने को तैयार है. कंपनी अपना IPO (initial public offering) लेकर आई है, जिसका सोमवार (2 दिसंबर) को दूसरा दिन है. मेडिकल सर्विसेज़ कंसल्टेंसी कंपनी का आईपीओ 29 नवंबर को खुला था और 3 दिसंबर को बंद हुआ था. शेयर बाजार में जहां दो महीनों से बिकवाली और गिरावट का मूड है, ऐसे में प्राइमरी मार्केट में भी एक्शन थोड़ा सुस्त ही रहा है, इसका असर इस आईपीओ पर भी दिख रहा है. सब्सक्रिप्शन थोड़ा ढीला ही दिखाई दे रहा है.
Suraksha Diagnostic IPO Subscription Status
Suraksha Diagnostic IPO में सोमवार दोपहर 12:30 तक कुल 0.20 गुना यानी 20% की बोलियां आई थीं. रिटेल कैटेगरी में 0.36 गुना, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की ओर से 0.06 गुना सब्सक्रिप्शन आया था. ऐसे में दूसरे दिन भी थोड़ा सुस्त रिस्पॉन्स आता दिखा.
Suraksha Diagnostic IPO में अप्लाई करें या नहीं?
ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि सुरक्षा डायग्नोस्टिक का IPO डायग्नोस्टिक सेक्टर से जुड़ा एक और पब्लिक इश्यू है. उन्होंने इस IPO पर अपने विचार साझा करते हुए इसे केवल हाई-रिस्क लेने वाले निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म के लिए सही बताया है. उन्होंने कहा कि केवल वे निवेशक जिनके पास लंबी अवधि के लिए धैर्य और जोखिम उठाने की क्षमता है, वे इसमें आवेदन कर सकते हैं. उनका कहना है कि IPO का छोटा आकार और सीमित बाजार कुछ निवेशकों को आकर्षित कर सकता है, लेकिन इसके अलावा इसमें कोई बड़ा आकर्षण नहीं है.
इश्यू का साइज छोटा है. ये पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS), जिससे कंपनी को कोई फंड नहीं मिलेगा. एक निगेटिव बात है कि कंपनी का ध्यान केवल पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों पर है.
IPO के पॉजिटिव पहलू:
सुरक्षा डायग्नोस्टिक के प्रोमोटर्स इस क्षेत्र में अनुभवी हैं.
कंपनी की पूर्व और उत्तर भारत में मजबूत पकड़ है.
कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत है और इसके पास कम कर्ज है.
कंपनी का कैश फ्लो अच्छा है.
IPO के नकारात्मक पहलू:
इस इश्यू से कंपनी को कोई फंड नहीं मिलेगा, क्योंकि यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल है.
कंपनी का फोकस केवल पश्चिम बंगाल और आस-पास के इलाकों तक सीमित है.
डायग्नोस्टिक सेक्टर में कई बड़े और मजबूत खिलाड़ी पहले से मौजूद हैं.
IPO के वैल्यूएशन को बहुत आकर्षक नहीं माना जा रहा है.