इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन कोर्ट का बड़ा फैसला, SEBI के पूर्व चेयरमैन को 206 करोड़ चुकाने का आदेश
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने SEBI के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन को 206 करोड़ रुपए चुकाने का आदेश जारी किया है. आर्बिट्रेशन ने कुल 916 करोड़ रुपए की भरपाई का आदेश दिया है.
मार्केट रेग्युलेटर SEBI के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन सहित अन्य के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने बड़ा फैसला दिया है. इसमें 11 करोड़ डॉलर की भरपाई का आदेश है. इसमें एम दामोदरन के हिस्से में करीब 206 करोड़ रुपए की रकम आएगी. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने कुल 916 करोड़ रुपए की भरपाई का आदेश दिया है.
ग्लोकल ने ट्रिब्यूनल के आदेश को खारिज किया
ग्लोकल ने प्रेस रिलीज जारी कर कहाकि वह इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के आदेश को सिरे से खारिज करता है. अपहेल्थ की तरफ से क्रिमिनल फ्रॉड किया गया जिस बारे में बोलने का अधिक आर्बिट्रेशन के पास नहीं है. अमेरिका के शिकागो स्थित ICC ट्रिब्यूनल ने इस मामले में एकतरफा फैसला सुनाया है. अपहेल्थ के खिलाफ अमेरिका में SEC यानी सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन की जांच चल रही है. ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि ग्लोकल की तरफ से रिप्रजेंट नहीं किया गया, ऐसे में उसके खिलाफ यह आदेश पारित कर दिया गया.
ब्रीच ऑफ कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है विवाद
यह मामला न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज NYSE लिस्टेड UpHealth Inc से संबंधित है. अपहेल्थ इंक ने अपनी वेबसाइट पर आर्बिट्रेशन के फैसले की जानकारी दी है. यह आदेश ग्लोकल हेल्थकेयर सिस्टम की खरीद के मामले में दिया गया है. मैटर ब्रीच ऑफ कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा हुआ है.
Glocal Healthcare से जुड़ा है मामला
एम दामोदरन Glocal Healthcare Systems के शेयरहोल्डर थे. आर्बिट्रेशन ने बताया कि उन्होंने डील के बाद भी ग्लोकल हेल्थकेयर का कंट्रोल नहीं छोड़ा जिसके कारण यह आदेश दिया गया है. इनके अलावा सैयद सबाहत अजीम और रिचा सना अजीम को 315-315 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. गौतम चौधरी को करीब 43 करोड़ रुपए और किंबरलाइट को करीब 37 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि UpHealth की शिकायत थी कि उसने Glocal Healthcare में 94.81 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2100 करोड़ रुपए का भुगतान किया. डील पूरी हो गई और भुगतान भी कर दिया गया, इसके बावजूद कंपनी के प्रमोटर्स ने मैनेजमेंट ट्रांसफर नहीं किया और अधिकार जमाए रखा. ग्लोकल हेल्थकेयर की फाइनेंशियल स्टेटमेंट भी अपहेल्थ के साथ शेयर नहीं की गई. इसके बाद उसने इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन का दरवाजा खटखटाया था.