विदेशी निवेशकों की शेयरों में बिकवाली अक्टूबर में भी जारी, जानिए FPIs को क्यों नहीं भा रहा भारतीय बाजार
सितंबर में भी FPIs ने 7600 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की थी. डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशक 2022 में अबतक 1.75 लाख करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली कर चुके हैं.
शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों (FPIs) की बिकवाली जारी है. अक्टूबर में अबतक निवेशकों ने 6000 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की. इसकी वजह भारतीय रुपए के मुकाबले मजबूत होता अमेरिकी डॉलर है. इससे पहले सितंबर में भी FPIs ने 7600 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की थी. डिपॉजिटरी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशक 2022 में अबतक 1.75 लाख करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली कर चुके हैं.
ग्लोबल संकेतों से FPIs ने बदला रुख
कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) के श्रीकांत चौहान ने कहा कि आने वाले दिनों में भी विदेशी निवेशकों के निवेश में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. इसकी वजह जियो-पॉलिटीकल जोखिम, बढ़ती महंगाई और ट्रेजरी यील्ड में उछाल की उम्मीद है.
डॉलर की कमजोरी से लौटेगी खरीदारी
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार भी मानते हैं कि निकट अवधि में विदेशी निवेशक जोरदार बिकवाली कर रहे हैं. लेकिन जैसे ही डॉलर कमजोर होगा विदेशी निवेशकों की खरीदारी बाजार में लौटेगी. यह अमेरिका में महंगाई और फेड का मॉनेटरी स्टांस पर भी निर्भर करेगी. बता दें कि FPIs ने 21 अक्टूबर तक 5992 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की. हालांकि, विदेशी निवेशकों की बिकवाली पिछले कुछ दिनों में धीमी हुई है.
सितंबर में हुई थी 7600 करोड़ रुपए की बिकवाली
इससे पहले सितंबर में विदेशी निवेशकों ने 7600 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की थी. इसकी वजह रुपए में तेज गिरावट और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के हॉकिस स्टांस रही. FPIs ने अगस्त में कुल 51200 करोड़ रुपए और जुलाई में करीब 5000 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की थी. जुलाई से पहले लगातार 9 महीने से लगातार बिकवाली दर्ज की गई, जो पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुई थी.
मॉर्निंगस्टार इंडिया (Morningstar India) के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशू श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक की ब्याज दरों में बढ़ोतरी से ज्यादा चिंता बढ़ी. इससे विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की. नतीजतन, ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.
रुपए ने छुआ रिकॉर्ड निचला स्तर
पिछले हफ्ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया और डॉलर की वैल्यू 83 के पार पहुंच गई. सेक्टर के लिहाज से विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में सबसे ज्यादा बिकवाली फाइनेंशियल्स, FMCG और IT में की. इक्विटीज के साथ-साथ विदेशी निवेशकों ने डेट मार्केट में 1950 करोड़ रुपए की बिकवाली की. भारत के अलावा थाईलैंड और ताइवान के बाजार में FPIs ने बिकवाली की.