LIC IPO latest update: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के नियोजित विनिवेश के लिए होने वाले डेवलपमेंट की समीक्षा की. इस बारे में वित्त मंत्री ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी. देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (LIC IPO) मार्च तक बाजार में आने की उम्मीद है.

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1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य

खबर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) के लिए तय 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) महत्वपूर्ण है. इस वित्त वर्ष में अब तक पीएसयू के विनिवेश के जरिए 9,330 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. सरकार ने पिछले साल सितंबर में देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता एलआईसी के मेगा आईपीओ के मैनेजमेंट के लिए गोल्डमैन सैश (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड सहित 10 मर्चेंट बैंकरों को नियुक्त किया था.

ये भी हैं मर्चेंट बैंकर

दूसरे चयनित बैंकरों में एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, बोफा सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड शामिल हैं. सिरिल अमरचंद मंगलदास को आईपीओ का कानूनी सलाहकार नियुक्त किया गया है. सरकार आईपीओ के जरिए विनिवेश की जाने वाली सरकारी हिस्सेदारी की मात्रा तय करने की प्रक्रिया में है.

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विदेशी निवेशकों को लेकर हो रहा विचार

सरकार एलआईसी में विदेशी निवेशकों को हिस्सेदारी लेने की परमिशन देने पर भी विचार कर रही है. सेबी के नियमों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को पब्लिक ऑफर में शेयर खरीदने की परमिशन है. हालांकि, चूंकि एलआईसी एक्ट में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए विदेशी निवेशक भागीदारी के संबंध में प्रस्तावित एलआईसी आईपीओ को सेबी के मानदंडों के मुताबिक रखने की जरूरत है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले साल जुलाई में एलआईसी के विनिवेश (LIC IPO) को मंजूरी दी थी.