Dark Fibre Case: डार्क फाइबर केस में सिक्‍युरिटीज अपीलेट ट्रिब्‍यूनल (SAT) ने  NSE, ब्रोकर्स और अन्य को आंशिक राहत दी है. SAT ने अवैध लाभ लौटाने का सेबी ऑर्डर और चित्रा रामकृष्णन, अन्य के पद पर रोक का आदेश खारिज कर दिया. साथ ही सेबी को ब्‍याज सहित 62.58 करोड़ रुपये रु की रकम NSE को लौटाने का आदेश दिया है. 

SEBI को 4 हफ्ते की मोहलत

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SAT ने NSE की रकम लौटाने के लिए सेबी को 4 हफ्ते का समय दिया है. हालांकि, ब्रोकर्स के कामकाज पर कुछ पाबंदियों को SAT ने सही माना है. साथ ही 7.5 करोड़ रुपये की जमा कराई पेनाल्टी की रकम भी लौटाने का आदेश दिया. 

Dark Fibre Case: क्‍या है मामला

एनएसई में 'डार्क फाइबर' के रूप में कुछ ब्रोकिंग कंपनियों को अन्य सदस्यों के मुकाबले जानकारी हासिल करने को लेकर पहले पहुंच की सुविधा देने से जुड़ा है. इसके अंतर्गत उन्हें अन्य सदस्यों का तुलना में ‘कोलेकेशन’ सुविधा से जुड़ने की सुविधा दी गई थी. 

नेटवर्क संपर्क के रूप में ‘डार्क फाइबर’ या यूनिट फाइबर से आशय ऐसे नेटवर्क से है, जो पहले से उपलब्ध है लेकिन उसका उपयोग नहीं हुआ है. यह सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स / इक्विपमेंट से जुड़ा नहीं होता है और उनके जरिए आंकड़ों का फ्लो नहीं होता तथा यह ‘फाइबर ऑप्टिक कम्युनिकेशन’ में उपयोग के लिये उपलब्ध होता है.

बाजार नियामक ने 2009 से 2016 की अवधि के लिए कई संस्थाओं के लेन-देन के संबंध में जांच शुरू की थी ताकि एनएसई द्वारा कुछ स्टॉक ब्रोकरों को इस तरह से जुड़ाव की सुविधा देने के मामले की जांच की जा सके जो निवेशकों या प्रतिभूति बाजार के लिए नुकसादायक हो सकता है.