बड़े ब्रोकर्स अब नहीं कर पाएंगे फ्री ट्रेडिंग! इन नियमों की वजह से Trading करना होगा महंगा
जी बिजनेस की रिसर्च टीम ने इस बारे में डीटेल देते हुए बताया कि सबसे पहले एक्सचेंज ने ट्रू टू लेबल चार्जेज लेना शुरू किया था. इन चार्जेस से डिस्काउंट ब्रोकर्स को नुकसान हो रहा है.
मार्केट एक्सचेंजेस ने ब्रोकरेज की होने वाली कमाई पर बड़ा एक्शन लिया है. नए नियम के मुताबिक, अब ब्रोकरेज फ्री ट्रेडिंग (Free Trading) नहीं कर पाएंगे. बता दें कि ब्रोकरेज इंडस्ट्री को लगातार हेडविंड का सामना करना पड़ रहा है, यानी कि निगेटिव साइड से प्रेशर आ रहा है. जी बिजनेस की रिसर्च टीम ने इस बारे में डीटेल देते हुए बताया कि सबसे पहले एक्सचेंज ने ट्रू टू लेबल चार्जेज लेना शुरू किया था. इन चार्जेस से डिस्काउंट ब्रोकर्स को नुकसान हो रहा है. बता दें कि डिस्काउंट ब्रोकर्स फ्री ट्रेडिंग की सर्विस देते थे, जिसके चलते क्लाइंट्स ओवर ट्रेडिंग करते थे. ओवर ट्रेडिंग की वजह से ब्रोकरेजेस का वॉल्यूम काफी ज्यादा होता था. ऐसे में एक्सचेंज को ट्रांजैक्शन चार्ज देने पर काफी बढ़िया डिस्काउंट मिलता था.
ब्रोकरेज इंडस्ट्री के सामने चुनौती
ये डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियां आगे जाकर ग्राहकों को देती थीं. इसी के चलते काफी लोगों को वायदा बाजार में फ्री ट्रेडिंग का फायदा मिलता था. कुछ ब्रोकरेज कंपनियां ऐसी हैं, जो डिलिवरी के सौदे पर फ्री ट्रेडिंग की सर्विस देती हैं. लेकिन अब ब्रोकरेज इंडस्ट्री को थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
सभी के लिए ट्राजैक्शन चार्ज एक समान
बता दें कि ट्रांजैक्शन चार्जेस सभी के लिए एक हो गए हैं तो ऐसे में ब्रोकरेज को फ्री ट्रेडिंग कराकर जो फायदा मिल रहा था, वो खत्म हो गया है. इसके अलावा वीकली ऑप्शन्स में लगातार बढ़ रही लोगों की रुचि, एक्सपायरी के दिन ओवर ट्रेडिंग से प्रति ट्रेड प्रति लॉट बड़े ब्रोकरेज काफी अच्छा पैसा जनरेट कर रहे थे. अब इस पर एक बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि ये होगा या नहीं?
वहीं 1 जनवरी से बड़े लॉट साइज के चलते भी असर देखने को मिल सकता है. इसके बाद का भी रिएक्शन इंडस्ट्री को देखने को मिल सकता है. बता दें कि अब ब्रोकरेज के वॉल्यूम में गिरावट देखने को मिल सकती है. लेकिन लागत लगातार बढ़ती जा रही है.
ब्रोकरेज ने बढ़ाए AMC चार्ज
कई ब्रोकरेज कंपनियों ने अपने एएमसी चार्जेस बढ़ा दिए हैं. शून्य ब्रोकर की तरफ से एक सर्कुलर आया था, जिसमें बताया गया था कि अब इंट्राडे में प्रति ट्रेड 5 रुपए का भुगतान लिया जाएगा. इंडस्ट्री के दिग्गज एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे जाकर ब्रोकरेज कंपनियां 20 रुपए प्रति ट्रेड कर सकती हैं. आने वाले समय में फ्री ट्रेडिंग का सिलसिला खत्म हो सकता है.