सरकार ने फैसला किया है कि वह डाक विभाग (India Posts) में काम कर रहे हजारों ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) के बच्‍चों की पढ़ाई का खर्च देगी. सरकार ने चिल्‍ड्रेन एजुकेशन फैसिलिटेशन अलाउंस (CEA) पर कमेटी की सिफारिश को लागू करने की मंजूरी दे दी है. इसके तहत हरेक GDS को 6000 रुपए सालाना दिए जाएंगे. यह अलाउंस 1 बच्‍चे की शिक्षा के लिए है.

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सरकारी आदेश के मुताबिक हरेक GDS को दो बच्‍चों की पढ़ाई के लिए यह अलाउंस दिया जाएगा. इसके लिए GDS को विभाग में CEA के लिए क्‍लेम करना होगा.

क्‍या है क्‍लेम का तरीका

CEA क्‍लेम करने के लिए GDS अभिभावक को स्‍कूल के प्राचार्य का सर्टिफिकेश पेश करना होगा. इस सर्टिफिकेट में दर्ज होगा कि बच्‍चा उनके स्‍कूल का छात्र है. अगर यह सर्टिफिकेट नहीं मिल पाता है तो रिपोर्ट कार्ड या फीस रसीद भी दी जा सकती है.

सिर्फ एक कर्मचारी ले सकता है फायदा

सरकारी आदेश की काफी 'जी बिजनेस' के पास है. इसके मुताबिक अगर माता-पिता दोनों GDS पद पर हैं तो सिर्फ 1 को ही CEA क्‍लेम करने का मौका मिलेगा. 

साल में 1 बार कर सकेंगे क्‍लेम

GDS अभिभावक कारोबारी साल में सिर्फ 1 बार ही यह अलाउंस क्‍लेम कर पाएंगे. बच्‍चे की पढ़ाई के प्रदर्शन का अलाउंस के भुगतान पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

20 साल तक मिलेगा खर्चा

GDS अभिभावक के बच्‍चे को 20 साल की उम्र तक पढ़ाई का खर्चा मिलेगा. दिव्‍यांग बच्‍चों के लिए यह अलाउंस 22 साल की उम्र तक मिलेगा.