F&O: शेयर बाजार में जोखिम भरे फ्यूचर एंड ऑप्शंस (डेरिवेटिव्स) कारोबार से छोटे निवेशकों को बचाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) द्वारा गठित एक्सपर्ट ग्रुप 7 प्रस्तावों पर विचार करेगा. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एक्सपर्ट ग्रुप इससे जुड़े नियामकीय मुद्दों पर भी चर्चा करेगा. उन्होंने कहा कि समूह के सदस्य निवेशक सुरक्षा को मजबूत करने और इस मार्केट सेगमेंट में जोखिम में सुधार करने के लिए अल्पकालिक रणनीतियों की सिफारिश करेंगे.

10 में 9 छोटे निवेशक F&O में पैसा गंवाते हैं

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मामले से जुड़े एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, एक्सपर्ट ग्रुप F&O कारोबार में शामिल छोटे निवेशकों की सुरक्षा के लिए 7 प्रस्तावों के पक्ष और विपक्ष पर विस्तार से विचार-विमर्श करेगा. हम जानते हैं कि 10 में 9 छोटे निवेशक एफएंडओ में पैसा गंवा देते हैं. इस समूह की सिफारिशों पर अंतिम फैसले सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमिटी करेगी.

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क्या हैं प्रस्ताव?

ऑप्शंस फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जो धारक को कॉन्ट्रैक्ट पीरियड के भीतर किसी एसेट्स को तय कीमत पर खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं. सूत्रों के अनुसार, इन प्रस्तावों में वीकली ऑप्शंस को रेशनलाइजेशन बनाना, एसेट्स की स्ट्राइक कीमतों को रेशनलाइजेशन बनाना और समाप्ति के दिन कैलेंडर स्प्रेड लाभों को हटाना शामिल है.

अन्य चार प्रस्तावों में ऑप्शंस के खरीदारों से ऑप्शंस प्रीमियम का अग्रिम संग्रह, सौदे करने की सीमा की दिन में कारोबार के दौरान निगरानी, ​​लॉट साइज में बढ़ोतरी और कॉन्ट्रैक्ट समाप्ति के निकट मार्जिन जरूरतों में बढ़ोतरी शामिल हैं.

डेरिवेटिव सेगमेंट में सट्टा लगाने के लिए पैसे उधार ले रहे लोग

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दोनों ने बाजार में अस्थिरता के बीच खुदरा निवेशकों से जुड़े जोखिमों पर चिंता व्यक्त की है. सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने हाल ही में कहा कि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर के पास ऐसे वास्तविक साक्ष्य हैं कि लोग डेरिवेटिव सेगमेंट में सट्टा लगाने के लिए पैसे उधार ले रहे हैं और उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि घरेलू बचत ऐसे जोखिम भरे दांवों में जा रही है.

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रेगुलेटर ने यह भी कहा है कि वीकली कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति के समय ऑप्शन वॉल्यूम में उछाल आता है. वर्तमान में, हफ्ते के सभी 5 वर्किंग डे में एनएसई (NSE) या बीएसई इंडेक्स की कम से कम एक समाप्ति होती है उन्होंने कहा कि सेबी के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2018 में कुल डेरिवेटिव कारोबार 210 लाख करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 500 लाख करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने कहा कि इंडेक्स ऑप्शंस में इंडिविजुलअ इन्वेस्टर्स की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2018 में 2% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 41% हो गई.