अपनी अच्छी नौकरी छोड़कर बिजनेस में हाथ आजमाना हर किसी के बस की बात नहीं होती. ऐसा ही एक कारनामा किया था जोहो (Zoho) के फाउंडर श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) ने. उन्होंने अमेर‍िका में आईटी इंजीन‍ियर की नौकरी छोड़कर बिजनेस करने का फैसला किया. बिजनेस भी किसी मेट्रो शहर में नहीं, बल्कि अपने गांव में शुरू किया. उन्‍होंने अमेर‍िका से लौटकर अर‍बों की कंपनी का सेटअप तैयार कर द‍िया है, लेकिन आज भी वह अक्सर साइकिल से सफर करते नजर आ जाते हैं. मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले श्रीधर वेम्बू एक म‍िड‍िल क्‍लॉस फैम‍िली से आते हैं. उन्होंने 1989 में आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था.

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ग्रेजुएशन के बाद वह पीएचडी करने अमेरिका चल गए और अच्‍छी कंपनी में आईटी इंजीन‍ियर के तौर पर नौकरी की. इसके बाद वह अचानक भारत लौट आए. उनके इस फैसले से पर‍िवार वाले काफी परेशान हो गए, लेक‍िन उनके मन में ब‍िजनेस शुरू करने की धुन थी और उन्‍होंने किसी की सुने बगैर अपने काम शुरू कर द‍िया. 1996 में वेम्बू और उनके भाई ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी एडवेंटनेट की शुरुआत कर दी. करीब 13 साल बाद कंपनी का नाम बदलकर जोहो कॉर्पोरेशन कर दिया.

कंपनी को हुआ 2800 करोड़ का मुनाफा

अब वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए हैं. वित्तीय वर्ष 2023 में कंपनी ने लगभग 30% अधिक 8,703 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू दर्ज किया है. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के अनुसार, श्रीधर वेम्बू के नेतृत्व वाली जोहो का समेकित शुद्ध लाभ 2,836 करोड़ रुपये था, जिसमें खर्चों में वृद्धि के कारण 3 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की मामूली वृद्धि हुई. वित्तीय वर्ष 22 में जोहो ने 6,711 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व दर्ज किया.

कंपनी ने मुख्य रूप से अपने स्वयं के उद्यम आईटी प्रबंधन सॉफ्टवेयर और बिजनेस एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर, अर्थात् मैनेज इंजन और जोहो की बिक्री के माध्यम से राजस्व अर्जित किया. वित्तीय वर्ष 23 में, इसने अपनी अन्य परिचालन गतिविधियों से अतिरिक्त 16.6 करोड़ रुपये कमाए.

9158 करोड़ रुपये का हुआ रेवेन्यू

इसके अलावा कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में वित्तीय परिसंपत्तियों पर ब्याज और लाभ से 455 करोड़ रुपये कमाए, जिससे उसका कुल राजस्व 9,158.9 करोड़ रुपये हो गया. रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारी लाभ व्यय कुल व्यय का 50.5 प्रतिशत था. वित्त वर्ष 2023 में यह लागत 49 प्रतिशत बढ़कर 2,722 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2022 में 1,827 करोड़ रुपये थी.

अन्य उल्लेखनीय लागतों में विज्ञापन और प्रचार व्यय शामिल हैं, जो वित्त वर्ष 2023 में 89.4 प्रतिशत बढ़कर 1,354 करोड़ रुपये हो गए, जो वित्त वर्ष 2022 में 714.8 करोड़ रुपये थे. वित्त वर्ष 2023 के दौरान जोहो ने वेब होस्टिंग, डेटा सेंटर, कानूनी और अन्य खर्च भी किए, जिसके परिणामस्वरूप कुल खर्च में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 22 में 3,572 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 5,393 करोड़ रुपये हो गया.