कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने जीरोधा एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (Zerodha Asset Management Private Limited) और उसके डायरेक्टरों पर जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना तय समयसीमा के अंदर चीफ फाइनेंस ऑफिसर (CFO) नियुक्त ना किए जाने के चलते लगाया गया है. जिन डायरेक्टरों पर जुर्माना लगाया गया है, उसमें कंपनी के को-फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) भी शामिल हैं. 

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जीरोधा एसेट मैनेजमेंट की तरफ से इसी साल 9 जनवरी को मंत्रालय में एक एप्लिकेशन जमा की गई थी. उसमें कंपनी ने यह माना था कि उन्होंने अभी तक सीएफओ नियुक्त नहीं किया है. ऐसा करना कंपनी एक्ट 2013 की धारा 203 का उल्लंघन है. इस धारा के तहत जीरोधा जैसी 10 करोड़ से अधिक की शेयर कैपिटल वाली कंपनियों को सार्वजनिक कंपनियों के रूप में देखा जाता है और इन्हें अपने अहम मैनेजेरियल पदों पर फुल-टाइम नियुक्ति करनी जरूरी होती है, जिसमें CFO का पद भी शामिल है.

459 दिनों की देरी हुई

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि कंपनी ने 24 मार्च, 2023 तक भी इस नियम का पालन नहीं किया और फिर उसके बाद चिंतन भट्ट को इस पद पर नियुक्त किया. कंपनी की तरफ से 459 दिनों तक चली इस देरी के कारण मंत्रालय ने फर्म पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है. वहीं मंत्रालय के आदेश पर जीरोधा एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ विशाल जैन ने कहा है कि कंपनी इस आदेश को चुनौती देगी.

नितिन कामत पर 4.08 लाख रुपये का जुर्माना

विशाल जैन ने कहा, 'कंपनी इस आदेश का विरोध कर रही है. इसके तहत 16 जुलाई 2024 को ही हैदराबाद के रीजनल डायरेक्टर के सामने अपील भी दायर की जा चुकी है. इसी बीच MCA की तरफ से कंपनी पर अधिकतम 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इतना ही नहीं, कंपनी के फाउंडर और डायरेक्टर नितिन कामत पर भी 4.08 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

इन लोगों पर भी लगा जुर्माना

इनके अलावा डायरेक्टर राजन्ना भुवनेश को सबसे ज्यादा 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इनके अलावा विशाल जैन पर 3.45 लाख रुपये, कंपनी सचिव शिखा सिंह पर 3.45 लाख रुपये, निदेशक निथ्या ईश्वरन पर 1.50 लाख रुपये और निदेशक तुषार महाजन पर 1.50 लाख रुपये का जुर्माना लगा है.