Zepto Business Model: जेप्टो लाने वाला है IPO! 6 तरीकों से कमाई करता है ये Startup, कम ही लोग जानते हैं
पिछले कुछ दिनों में जेप्टो काफी तेजी से बड़ा बना है और अब जल्द ही इसका आईपीओ भी आने वाला है. ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है. आइए जानते हैं, क्या है जेप्टो का बिजनेस मॉडल.
पिछले कुछ दिनों में बहुत सारी कंपनियों और स्टार्टअप (Startup) के आईपीओ (IPO) आए हैं. इसी बीच क्विक कॉमर्स यूनिकॉर्न (Unicorn) जेप्टो (Zepto) की तरफ से भी आईपीओ लाए जाने की खबरें सामने आ रही हैं. पिछले करीब 2 महीनों में ही जेप्टो ने 1 अरब डॉलर से भी अधिक की फंडिंग उठाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेप्टो ने Morgan Stanley और Goldman Sachs के साथ-साथ एक्सिस कैपिटल से बातचीत शुरू कर दी है.
उम्मीद की जा रही है कि जेप्टो का आईपीओ अगले साल अगस्त के महीने में आ सकता है. इसके अलावा यह भी खबर है कि जेप्टो अपना बेस सिंगापुर से भारत में रीलोकेट करने की प्रोसेस में है, जिससे आईपीओ लाने की बात को और ज्यादा मजबूत मिलती दिख रही है. आखिरी बार पिछले महीने जेप्टो ने करीब 340 मिलियन डॉलर की फंडिंग उठाई थी और ये फंडिंग 5 अरब डॉलर के वैल्युएशन पर उठाई गई थी.
क्या है जेप्टो का बिजनेस मॉडल?
पिछले कुछ दिनों में जेप्टो काफी तेजी से बड़ा बना है और अब जल्द ही इसका आईपीओ भी आने वाला है. ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है. आइए जानते हैं, क्या है जेप्टो का बिजनेस मॉडल.
1- डायरेक्ट सेल्स
जेप्टो की कमाई का सबसे बड़ा सोर्स है डायरेक्ट सेल्स, जो हर किसी को दिखाई भी देता है. कंपनी थोक में या यूं कहें कि सस्ते दाम पर सामान खरीदती है और कुछ मार्जिन के साथ उसे डिलीवर करती है. ये मार्जिन कंपनी की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा है.
2- डिलीवरी फीस
तमाम सामान को डिलीवर करने के लिए जेप्टो की तरफ से एक चार्ज लिया जाता है. यह डिलीवरी फीस दूरी के हिसाब से कम ज्यादा हो सकती है, जो 25-30 रुपये के करीब रहती है. अगर आप एक तय सीमा के अधिक की रकम का सामान मंगाते हैं तो आपका डिलीवरी चार्ज माफ भी कर दिया जाता है.
3- हैंडलिंग चार्ज
जो भी प्रोडक्ट आपके पास पहुंचता है, उसे हैंडल करने के लिए भी जेप्टो की तरफ से कुछ चार्ज लिया जाता है. आम तौर पर हर ऑर्डर में यह हैंडलिंग चार्ज लगता ही है, जो करीब 10 रुपये रहता है.
4- सब्सक्रिप्शन चार्ज
अलग-अलग कंपनियां अपने ग्राहकों की संख्या बढ़ाने और उन्हें रोके रखने के लिए सब्सक्रिप्शन चार्ज लगाती हैं. जेप्टो में इसे पास (Pass) कहा जाता है. इसके तहत 99 रुपये से अधिक का सामान लेने पर डिलीवरी फीस नहीं लगती, वहीं 299 से अधिक का सामान लेने पर 20 फीसदी तक का डिस्काउंट मिलता है. बता दें कि कंपनी इस पास की कीमत अलग-अलग ग्राहकों को अलग-अलग ऑफर कर सकती है, ताकि उन्हें अपनी ओर खींच सके.
5- स्मॉल कार्ट फीस
अगर आपके कार्ट में बहुत कम कीमत का प्रोडक्ट है, तो आपको अक्सर स्मॉल कार्ट फीस भी चुकानी होती है. यह भी कंपनी की कमाई का एक तरीका है. हालांकि, कंपनी की तरफ से यह फीस लगाए जाने का मुख्य मकसद कमाई करना नहीं, बल्कि लोगों को थोड़ा बड़ा ऑर्डर करने के लिए प्रेरित करना होता है.
6- विज्ञापन और पार्टनरशिप
जेप्टो कई सारे ब्रांड्स के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप भी करता है. वहीं कई कंपनियों के विज्ञापन भी जेप्टो पर दिखाए जाते हैं. इनसे जेप्टो को अतिरिक्त कमाई होती है.