IIT ड्रॉपआउट और IIM से MBA, छोड़ दी लाखों की नौकरी, अब लोगों को हेल्दी बना रहे हैं 'पापा बोयो'
अक्सर आपने भी ऐसा सोचा ही होगा कि अगर स्नैक्स हेल्दी होते तो बिना किसी पछतावे के खाया जा सकता. कुछ ऐसा ही सोचा पश्चिम बंगाल को अमर चौधरी ने और शुरू किया एक हेल्दी स्नैक्स वाला ब्रांड BoYo- Bold As You. हाल ही में बोयो को फ्लिपकार्ट की तरफ से प्लैटिनम सेलर का अवॉर्ड भी मिला है.
जब भी बात स्नैक्स की होती है तो अधिकतर लोगों के सामने वही आलू के चिप्स, ऑयली नमकीन और मोटापे की वजह बनने वाले जंक फूड की तस्वीर ही बनती होगी. जरा सोचिए, अगर ये स्नैक्स हेल्दी हो जाएं तो कैसा रहेगा? अक्सर आपने भी ऐसा सोचा ही होगा कि अगर स्नैक्स हेल्दी होते तो बिना किसी पछतावे के खाया जा सकता. कुछ ऐसा ही सोचा पश्चिम बंगाल को अमर चौधरी ने और शुरू किया एक हेल्दी स्नैक्स वाला ब्रांड BoYo- Bold As You. हाल ही में बोयो को फ्लिपकार्ट की तरफ से प्लैटिनम सेलर का अवॉर्ड भी मिला है.
अमर चौधरी ने इस ब्रांड की शुरुआत 2021 की दूसरी छमाही में की थी और तब से लेकर अब तक यह ब्रांड काफी लोकप्रिय हो चुका है. अमर चौधरी ने बोयो की शुरुआत करने से पहले एक दूसरे ब्रांड चखना शॉट की भी शुरुआत की थी. साल 2018 में ही अमर चौधरी ने Belly Fit Foods And Beverages Limited नाम से अपनी कंपनी रजिस्टर करा दी थी. बोयो की शुरुआत करने के बाद से अमर चौधरी को लोग 'पापा बोयो' के नाम से भी जानने लगे हैं.
IIT दिल्ली ड्रॉपआउट, IIM अहमदाबाद से एमबीए
दिल्ली के रहने वाले अमर चौधरी ने साल 2006 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की थी. उसके बाद वह आईआईटी दिल्ली गए, लेकिन वहां कोर्स शुरू करने से पहले ही उसे ड्रॉप कर दिया. अमर चौधरी ने उसके बाद टाटा मोटर्स में नौकरी शुरू कर दी. करीब 40-45 दिन नौकरी करने के बाद वह इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड चले गए और वहां पर करीब 7-8 साल तक नौकरी की. बिजनेस बैकग्राउंड से आने वाले अमर चौधरी का मन आखिरकार नौकरी से ऊब गया और उन्होंने लाखों के पैकेज वाली अपनी नौकरी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीआई की पढ़ाई की.
अपने गांव से पढ़ाई के लिए बाहर जाने वाले अमर चौधरी पहले शख्स थे और साथ ही पहले इंजीनियर भी. इंजीनियरिंग के बाद जब उनकी पहली नौकरी 15 हजार रुपये की लगी तो अक्सर ये सुनने को मिलता था कि इतना पैसा तो उनका फैमिली बिजनेस एक ही दिन में कमा लेता है. दरअसल, अमर चौधरी के परिवार का चावल का होलसेल का बिजनेस है. अमर बताते हैं कि उनकी मां भी यही चाहती थीं कि उनके बच्चे पढ़-लिख कर अधिकारी बनें, ना कि फैमिली बिजनेस तक सीमित रह जाएं. अमर चौधरी भी चाहते थे कि वह बड़े लेवल पर कुछ अलग करें और हजारों लोगों को रोजगार दें.
बोयो का आइडिया कैसे आया?
अमर चौधरी बताते हैं कि करीब 50-60 साल पहले तक लोगों की हेल्दी फूड हैबिट हुआ करती थीं. वह नट्स खाते थे, एडिबल सीड्स खाते थे, जिनसे उन्हें तमाम तरह के पोषण मिलते थे. अब ऐसा नहीं रहा और लोग बहुत सारा जंक फूड खाने लगे हैं. इस जंक फूड की वजह से ही देखने को मिला कि कोरोना काल में लोगों की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो गई थी. ये सब देखते हुए उन्हें आइडिया आया हेल्दी स्नैक्स का बिजनेस शुरू करने का. यानी स्नैक्स की जरूरत भी पूरी हो जाए और साथ ही शरीर को पोषण मिले और इम्यूनिटी बढ़े और फिर उन्होंने बोयो की शुरुआत की.
स्प्राउट सीड मिक्स है सबसे इनोवेटिव प्रोडक्ट
बोयो का सबसे इनोवेटिव प्रोडक्ट है स्प्राउट सीड मिक्स, जो और किसी के पास नहीं है. इसमें उन्होंने कई तरह के सीड्स को मिलाया है, जिससे शरीर की तमाम पोषण से जुड़ी जरूरतें पूरी होती हैं. उन्होंने करीब 100 तरह के सीड्स को एनालाइज किया और 4-5 महीने की रिसर्च के बाद 20 सीड फाइनल किए. इसके बाद इन 20 तरह के सीड्स के कई तरह के मिक्स बनाए, जिनसे अलग-अलग तरह की जरूरतें पूरी हो सकें. महिलाओं की हेल्थ के हिसाब से एक अलग सीड मिक्स बनाया है और वजन कम करने के लिए अलग तरह का सीड मिक्स बनाया है.
हर पैकेट पर लिखते हैं स्वास्थ्य को होने वाले फायदे
आज के वक्त में लोग ड्राई फ्रूट्स को भी स्नैक्स में खूब इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में बोयो ने रोस्टेड ड्राई फ्रूट्स भी निकालते हैं. यहां एक अच्छी बात ये भी है कि सभी ड्राई फ्रूट्स को पिंक सॉल्ट में रोस्ट किया जाता है, जो सफेद नमक के मुकाबले बहुत ही हेल्दी होता है. वहीं अमर चौधरी ने अपने सभी प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग पर बहुत काम किया है. उन्होंने आज की पीढ़ी के हिसाब से आकर्षक पैकेजिंग की है. वह बताते हैं कि बोयो का मिशन है लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना. इसके लिए वह अपने हर प्रोडक्ट के पैक पर उसके बारे में पूरी जानकारी लिखते हैं. उस पर लिखा जाता है कि इसे खाने से शरीर को क्या फायदा होगा.
तमाम नट्स को नई पीढ़ी के लिए और ज्यादा इंट्रेस्टिंग बनाने के मकसद से उसकी सोर्सिंग के बारे में भी बताया जाता है. लोगों को पता चलता है कि कौन सा नट कहा से आया है. जैसे ब्राजील नट की बात करें तो अमेजन के जंगलों में इसका पेड़ होता है और इस नट को बनने में करीब 20-25 साल का वक्त लगता है. ऐसे में जो भी इसके बारे में सुनता है, वह एक बार इसे खाने के बारे में जरूर सोचता है. अमर चौधरी कहते हैं कि वह मार्केटिंग सिर्फ इसलिए करते हैं, ताकि वह प्रोडक्ट के बारे में लोगों को बता सकें, ना कि सिर्फ प्रोडक्ट को बढ़ा-चढ़ाकर लोगों के सामने पेश करें. वह प्रोडक्ट की यूएसपी को लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं.
क्या है कंपनी का बिजनेस मॉडल?
मौजूदा वक्त में कंपनी का सिर्फ एक ही बिजनेस मॉडल है. कंपनी अपने प्रोडक्ट्स बेचकर उनसे पैसे कमाती है. यह कंपनी एफएमसीजी सेक्टर में डायरेक्ट सेलिंग के जरिए रेवेन्यू जनरेट करती है. कंपनी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से प्रोडक्ट बेचती है. साथ ही इस कंपनी के प्रोडक्ट आपको अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइट्स से भी मिल जाएंगे. यह कंपनी अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट भी करती है.
फंडिंग और फ्यूचर प्लान
हेल्दी स्नैकिंग स्टार्टअप बोयो के सामने सबसे बड़ी चुनौती है फंड्स की, जिसे जुटाने की अमर चौधरी लगातार कोशिश कर रहे हैं. वह अभी तक सरकार से करीब 20 लाख रुपये का ग्रांट पा चुके हैं और एक स्ट्रेटेजिक फंडिंग भी ले चुके हैं. अमर चौधरी बनाते हैं कि एफएमसीजी सेक्टर की महाराष्ट्र की एक बड़ी कंपनी संजीवनी ग्रुप ऑफ कंपनीज ने बोयो में निवेश किया है. कंपनी ने पैसों के साथ-साथ अपने 8000 रिटेलर्स और सेल्स टीम का सपोर्ट दिया है. कंपनी को अभी तक करीब 1.5 करोड़ रुपये की फंडिग मिल चुकी है.
बोयो महिलाओं-बच्चों की हेल्थ और प्रोटीन से जुड़े कुछ इनोवेटिव प्रोडक्ट फ्यूचर में लॉन्च करने की प्लानिंग है. अमर बताते हैं कि उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर बहुत सारे प्रोडक्ट डेवलप किए हैं, जो एक बड़ी आबादी को खूब फायदा पहुंचा सकते हैं. वह कहते हैं कि सही समय पर उन प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया जाएगा. अमर का मकसद है कि वह स्वास्थ्य से जुड़े तमाम प्रोडक्ट लॉन्च करें, जिससे लोगों की सेहत बन सके.