ऑनलाइन रेंटल प्लेटफॉर्म फ्रंटडेस्क (Frontdesk) ने दो मिनट की गूगल मीट कॉल के दौरान 200 कर्मचारियों से नौकरी से निकाल दिया. 2024 में ऐसा करने वाला यह पहला टेक स्टार्टअप बन गया है. टेकक्रंच ने बुधवार को बताया कि छंटनी में फुल-टाइम, पार्ट-टाइम और कॉन्ट्रैक्टर्स शामिल हैं और प्रॉपटेक स्टार्टअप अब बंद होने की कगार पर है.

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फ्रंटडेस्क के सीईओ जेसी डेपिंटो ने स्पष्ट रूप से कर्मचारियों से कहा कि कंपनी दिवालियापन के विकल्प के रूप में राज्य रिसीवरशिप के लिए आवेदन करेगी. स्टार्टअप ने अभी तक रिपोर्ट पर कमेंट नहीं किया है.

2017 में स्थापित, स्टार्टअप ने पूरे अमेरिका में 1,000 से ज्यादा फर्निश्ड अपार्टमेंट का प्रबंधन किया.

फ्रंटडेस्क ने जेटब्लू वेंचर्स, वेरिटास इन्वेस्टमेंट्स और सैंड हिल एंजेल्स जैसे निवेशकों से लगभग 26 मिलियन डॉलर जुटाए थे. स्टार्टअप का लक्ष्य नई पूंजी जुटाना था लेकिन वह अपने प्रयास में विफल रहा.

रिपोर्ट में कहा गया, ''फ्रंटडेस्क स्पष्ट रूप से अभी भी अधिक पूंजी जुटाने की अपनी क्षमता के बारे में आशावादी था, स्टार्टअप ने सिर्फ दो महीने पहले लिंक्डइन पर चीफ ऑफ स्टाफ की भूमिका सहित कई नौकरियों के लिए रिक्तियां पोस्ट की थीं.''

दुनिया भर में स्टार्टअप्स सहित टेक कंपनियों ने पिछले दो सालों में 425,000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल दिया, जबकि इसी अवधि में भारत में 36,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त किया.

2023 में वैश्विक प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप क्षेत्र में लगभग 2.6 लाख कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया.

वैश्विक व्यापक आर्थिक स्थितियों का हवाला देते हुए, बिग टेक फर्मों और स्टार्टअप्स ने कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है और छंटनी जारी है.