किसी ने 'बदमाश कंपनी' कहा तो किसी ने 'इंटरनेट का काला दिन', गूगल की तरफ से ऐप्स हटाने पर क्या बोले स्टार्टअप्स?
हाल ही में गूगल (Google) ने प्ले स्टोर (Play Store) से बहुत सारे भारतीय ऐप हटा दिए थे, जिसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने भी भारतीय कंपनियों के ऐप्स को हटाने की आलोचना की.
हाल ही में गूगल (Google) ने प्ले स्टोर (Play Store) से बहुत सारे भारतीय ऐप हटा दिए थे, जिसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने भी भारतीय कंपनियों के ऐप्स को हटाने की आलोचना की. जिन ऐप्स को हटाया गया था, उनमें भारत मैट्रिमोनी, इन्फो एज, शादी डॉट कॉम और ट्रूलीमैडली जैसे ऐप शामिल थे. सरकार ने कहा कि भारतीय ऐप को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की कुंजी है और उनके भाग्य का फैसला किसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी पर नहीं छोड़ा जा सकता है. चौतरफा विरोध देखते हुए गूगल ने ऐप तो रीस्टोर कर दिए, लेकिन स्टार्टअप की दुनिया के लोग गूगल से काफी खफा हैं. आइए जानते हैं उनकी प्रतिक्रिया.
भारतीय इंटरनेट के लिए एक काला दिन!
शादीडॉटकॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने कहा कि आज भारतीय इंटरनेट के लिए एक काला दिन है. Google ने अपने ऐप स्टोर से प्रमुख ऐप्स को हटा दिया है, जबकि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और भारत के सुप्रीम कोर्ट में कानूनी सुनवाई चल रही है. उन्होंने कहा कि उनके झूठे आख्यान और दुस्साहस से पता चलता है कि उनके मन में हमारी इन संस्थाओं के प्रति बहुत कम सम्मान है... कोई गलती न करें - यह नई डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी है और इस लगान को रोका जाना चाहिए. उन्होंने अपनी पोस्ट में हैशटैग "एविलगूगल" जोड़ा.
एकाधिकार का दुरुपयोग हो रहा
जोहो के सीईओ श्रीधर वेंबू ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा कि भारत में लोकप्रिय ऐप्स, जैसे कि भारत मैट्रिमोनी, नौकरी और अन्य को Google Play Store से हटाया जा रहा है, एकाधिकार के दुरुपयोग का एक उत्कृष्ट मामला है. भारत में एंड्रॉइड की प्रमुख स्थिति के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि हमारे नियामक और अदालतें समान अवसर प्रदान करने के लिए आगे आएं.
'गूगल एक बदमाश कंपनी'
Kuku FM के को-फाउंडर और सीईओ लालचंद बिसू (Lal Chand Bisu) ने गूगल को बिजनेस के लिए सबसे बदमाश कंपनी कहा है जिसकी मुट्ठी में पूरा भारतीय स्टार्टअप सिस्टम है. उन्होंने X पर लिखा है इससे बुरा क्या हो सकता है कि ऑफिस में हर दिन पूरी टीम काम कर रही हो, लेकिन प्ले स्टोर पर कोई ऐप ही नहीं हो. गूगल ने कुकु एफएम को डीलिस्ट कर दिया है और कंपनी के पास गूगल की शर्तों को मानने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. प्ले स्टोर से हटाए जाने से पूरा कारोबार बर्बाद हो जाएगा और कुकु एफएम देश के अधिकतर लोगों के पास पहुंच हीं नहीं पाएगा. कुकु एफएम के को-फाउंडर बोले जब किसी की मोनोपॉली होती है तो उसे अपने अलावा किसी और की फिक्र कहां होती है.
क्या बोले संजीव बिखचंदानी?
इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया कि भारतीय कंपनियां अभी इसका अनुपालन करेंगी. उन्होंने आगे कहा, "लेकिन भारत को एक ऐप स्टोर/प्ले स्टोर की जरूरत है जो यूपीआई और ओएनडीसी जैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा हो. प्रतिक्रिया रणनीतिक होनी चाहिए."
क्या था मामला?
गूगल ने मैट्रिमोनी और शादी डॉट कॉम समेत प्रमुख भारतीय डिजिटल कंपनियों के 12 से अधिक ऐप्स को प्ले स्टोर से डीलिस्टेड कर दिया था. गूगल ने 10 डेवलपर्स के खिलाफ यह कार्रवाई तब की, जब उन्होंने अन्य ऐप स्टोर की भुगतान नीतियों का पालन करने के बावजूद इसकी भुगतान नीति का पालन करने से इनकार कर दिया. गूगल ने प्ले स्टोर से स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ऑल्ट, स्टेज और अहा; डेटिंग ऐप ट्रूली मैडली और क्वैक क्वैक; ऑडियो कंटेंट प्लेटफॉर्म कुकू एफएम; सोशल नेटवर्किंग ऐप एफआरएनडी जैसे ऐप्स को हटा दिया था. इतना ही नहीं, इंफो एज की नौकरी डॉट कॉम, 99एकड़ और नौकरी गल्फ जैसे ऐप भी इसमें शामिल थे.