मॉडर्न जिम के जमाने में शार्क टैंक इंडिया पर एक ऐसा स्टार्टअप आया, जो पुराने जमाने के मुदगर को लेकर शो पर पहुंचा. इस स्टार्टअप का नाम है MudgarClub, जिसकी शुरुआत दो भाइयों संजीत सुहाग और अंजित सुहाग ने की है. दोनों भाई हरियाणा के रोहतक के रहने वाले हैं. फाउंडर्स का कहना है कि मुदगर ओरिजनल वर्कआउट टूल होता है. हनुमान जी और भीम का गदा भी मुदगर जैसा ही होती है. 

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जिम में लोगों को सिर्फ 2डी मूवमेंट ही मिलता है, लेकिन मुदगर से आपको 3डी मूवमेंट मिलता है. इससे लोगों की ब्रीदिंग और स्ट्रेंथ दोनों ही बेहतर होती हैं. यह बिजनेस मुदगर सिर्फ बनाता ही नहीं है, बल्कि इसे इस्तेमाल करने की कला भी सिखाता है. कंपनी के पास कुल 7 तरह के इक्विपमेंट हैं. इसे कंपनी पूरी क्वालिटी के साथ सिर्फ महोगनी वुड से ही बनाते हैं.

संजीत ने 12वीं के बाद छोड़ दी पढ़ाई

संजीत ने हरियाणा से 12वीं तक पढ़ाई की है. घर की आर्थिक हालत खराब होने की वजह से उन्हें पढ़ाई छोड़कर दिल्ली आना पड़ा और नौकरी करनी पड़ी. उन्होंने शुरुआत में इंटर्नशिप की और साथ ही रनिंग और योगा शुरू किया. वह प्रैक्टिस करते रहे और कुछ वक्त बाद नौकरी छोड़कर फ्रीलांस योगा टीचर की तरह काम करने लगे. उसी दौरान उन्होंने मुदगर भी सीखा और फिर दिसंबर 2023 में इसका बिजनेस शुरू कर दिया. 

अंजित को भी छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई

10वीं के बाद अंजित ने भी पढ़ाई छोड़कर कमाई शुरू कर दी थी, लेकिन नवंबर 2023 में भी अपने भाई के साथ जुड़ गए. जब वह देहरादून गए और वहां मुदगर का काम देखा तो उन्हें उसमें काफी मजा आया. मुदगर की तारीफें सुनकर जज उसे उठाने से खुद को रोक नहीं पाए और सबने उसे उठाकर ट्राई किया. 

फाउंडर्स ने बताया कि मुदगर फेमस नहीं है, क्योंकि इसे देखते ही लोगों के दिमाग में अखाड़ा और दंगल घूमने लगता है. अधिकतर लोगों को लगता है कि यह सबके लिए नहीं है. यहां तक कि मुदगर ट्रेनर बनना एक करियर की तरह एग्जिस्ट ही नहीं करता है. फाउंडर ने यह भी बताया कि इसे लकड़ी से ही क्यों बनाया जाता है, लोहे से क्यों नहीं. दरअसल, लोहे से एक्सरसाइज करने पर हाथों में गांठें बनने लगती हैं, लेकिन लकड़ी की वजह से आपके हाथ पूरी तरह सॉफ्ट रहते हैं.

साल भर में बेचे 5 हजार मुदगर

कंपनी ने दिसंबर 2023 में सेल्स शुरू की थी और 1 साल में करीब 5 हजार मदगर बेच चुके हैं. उनका 5 किलो का मुदगर करीब 4 हजार रुपये का बिकता है. कंपनी को सारे ऑर्डर सोशल मीडिया, खासतौर पर इंस्टाग्राम से ही आते हैं. हर महीने कंपनी करीब 10 लाख रुपये की सेल कर रही है. एपिसोड आने के वक्त पिछले 3 महीनों में कंपनी 30 फीसदी एबिटडा पॉजिटिव थी.

10 फीसदी के लिए फाउंडर्स ने मांगे 50 लाख

फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप की 10 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग मांगी. वहीं उनके पास बैंक में भी करीब 2 लाख रुपये हैं. दोनों ने सिर्फ 50-60 हजार रुपये लगाकर ये बिजनेस शुरू किया था, जो अब हर महीने करीब 10 लाख की सेल कर रहा है. यह कंपनी बूटस्ट्रैप्ड है यानी अभी तक किसी से भी फंडिंग नहीं ली है. अमन, विनीता, अजहर और कुणाल इस डील से आउट हो गए. वहीं रितेश ने 12.5 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग दी.

'हनुमान जी के गदा को महिला कैसे हाथ लगा सकती है?'

बैकस्टेज जाकर फाउंडर्स ने अपने बिजनेस से जुड़ी एक दिलचस्प बात बताई. जब उन्होंने बिजनेस शुरू किया तो बहुत सारे लोगों ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हनुमान जी के गदा को एक महिला कैसे हाथ लगा सकती है. इसके बाद फाउंडर्स ने लोगों को समझाया कि यह हेल्थ प्रैक्टिस करने का तरीका है और इसका जेंडर से कुछ लेना देना नहीं है. बता दें कि आज के वक्त कंपनी की 70 फीसदी ग्राहक महिलाएं हैं.