बूटस्ट्रैप्ड (Bootstrapped) और प्रॉफिटेबल स्टॉक ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) तमाम स्टार्टअप्स (Startups) को सपोर्ट करने के लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. जीरोधा ने अपने स्टार्टअप एक्सेलेरेटर (Accelerator) फंड रेनमैटर (Rainmatter) के लिए अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. इसके जरिए जीरोधा लगातार तमाम नए-नए स्टार्टअप को फंड मुहैया करती है, ताकि वह अपने शुरुआती दौर में तेजी से आगे बढ़ सकें. जीरोधा के सीईओ नितिन कामत (Nithin Kamath) ने बताया कि कंपनी की तरफ से हमेशा ही निवेश जारी रह सकता है, क्योंकि जो भी निवेश किया जाता है, वह कंपनी की अपनी पूंजी होती है ना कि कहीं से जुटाया गया फंड होता है.

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अपने एक्सेलरेटर फंड रेनमैटर की मदद से जीरोधा टेक्नोलॉजी, हेल्थ, स्टोरीटेलिंग जैसे तमाम इनोवेटिव स्टार्टअप्स को फंड देने का काम करता है. शुक्रवार को जीरोधा ने एक ब्लॉग पोस्ट किया, जिसमें कहा कि रेनमैटर ने पिछले 7 सालों में 80 से भी अधिक स्टार्टअप्स में करीब 400 करोड़ रुपये का निवेश किया है. अब इस ब्रोकरेज फर्म ने रेनमैटर को अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसे टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाले इनोवेटिव स्टार्टअप्स में निवेश किया जाएगा.

जीरोधा ने साल 2016 में रेनमैटर की शुरुआत की थी. इसका मकसद फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स को सपोर्ट करना था. रेनमैटर कैपिटल की तरफ से जो भी निवेश किया जाता है, उससे होने वाले मुनाफे को रेनमैटर फाउंडेशन में भेज दिया जाता है. इससे तमाम स्टार्टअप को सपोर्ट किया जाता है.

क्या बोले नितिन कामत?

नितिन कामत ने कहा कि उन्होंने अपनी अब तक की यात्रा से सीखा है कि अच्छे बिजनेस रातों-रात नहीं बनाए जा सकते. ऐसे में जीरोधा जिन भी स्टार्टअप में निवेश करती है, उनके फाउंडर्स के साथ वह तब तक जुड़कर काम करते रहते हैं, जब तक उनके बिजनेस को सस्टेनेबल ना बना दें. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए वह अपने कमिटमेंट को और बढ़ाते हुए अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये का आवंटन कर रहे हैं.

नितिन कामत ने कहा कि वह कंपनियों में निवेश करते वक्त यह नहीं देखते कि जल्द से जल्द उनका मुनाफा कैसे होगा. ना ही वह किसी फाउंडर पर इस बात को लेकर दबाव डालते हैं कि उन्हें कब और कैसे एग्जिट मिलेगी. वह कहते हैं कि भारत जैसे देश में एक सस्टेनेबल बिजनेस बनाने में वक्त लगता है और यहां इसी तरीके से फाउंडर्स को मजबूत बनाया जा सकता है.

नितिन कामत ने जीरोधा की कहानी भी बताई. वह बोले- '2010 में शुरुआत करने के बाद हमें एक अच्छा मौका मिलने में करीब 7 सालों का लंबा वक्त लगा. ऐसे में हम भरोसा करते हैं कि एक बिजनेस जितने लंबे वक्त तक सर्वाइव कर पाए और धीरे-धीरे बढ़ता रहे, उतना ही उसके सफल होने की उम्मीद ज्यादा है.'

क्या है रेनमैटर कैपिटल?

रेनमैटर कैपिटल की शुरुआत जीरोधा के फाउंडर्स नितिन कामत और निखिल कामत ने की थी. पिछले सालों में इस फंड में तगड़ी बढ़त देखने को मिली है. रेनमैटर अभी फिनटेक, हेल्थ, क्लाइमेट चेंज और स्टोरी टेलिंग के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स को सपोर्ट करता है. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार Pee Safe, CRED और AgniKul Cosmos जैसे स्टार्टअप्स में रेनमैटर कैपिटल ने निवेश किया हुआ है.