पिछले दो दिनों से मीडिया रिपोर्ट्स से लेकर सोशल मीडिया (Social Media) तक पर इस बार को लेकर बहस चल रही थी कि बेंगलुरु में कारपूलिंग (Carpooling) पर बैन लगाना कितना सही है. कर्नाटक सरकार पर उठ रहे तमाम सवालों के बीच कर्नाटक के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर रामालिंगा रेड्डी (Ramalinga Reddy) ने साफ किया है कि बेंगलुरु में कारपूलिंग को बैन (No Ban On Carpooling In Bengaluru) नहीं किया गया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि नॉन-कमर्शियल प्राइवेट व्हीकल को कारपूलिंग के लिए इस्तेमाल करना अवैध है.

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रामालिंगा रेड्डी ने ट्विटर पर लिखा- 'कारपूलिंग को बैन नहीं किया गया है, यह झूठी खबर है. पहले उन्हें इजाजत लेने दीजिए. जब उन्होंने इजाजत ही नहीं ली तो फिर बैन किए जाने का सवाल कहां से आ गया? हर किसी को नियम और कानून का पालन करना चाहिए. सफेद नंबर प्लेट वाले नॉन-कमर्शियल प्राइवेट व्हीकल को कारपूलिंग के लिए इस्तेमाल करना अवैध है. पीले नंबर प्लेट वाले कमर्शियल व्हीकल्स को ही कारपूलिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, वो भी सभी गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए.'

कारपूलिंग एग्रिगेटर्स के साथ होगी मीटिंग

खबर है कि आज यानी 3 अक्टूबर को कर्नाटक सरकार कारपूलिंग एग्रीगेटर्स के साथ मीटिंग करेगी, जिससे ये तय किया जाएगा कि आगे क्या करना है. बता दें कि कारपूलिंग की खबरों पर सोशल मीडिया पर काफी बहस चल रही है. एक दिन पहले ही दक्षिण बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से बेंगलुरु में ट्रैफिक की समस्या गंभीर हो जाएगी. तेजस्वी सूर्या के बयान के बाद ही सरकार ने आधिकारिक रूप से इस मामले पर कोई बयान दिया है.

कारपूलिंग ऐप्स पर बैन का बेंगलुरु पर क्या होगा असर?

अगर कारपूलिंग ऐप्स पर बैन लगाया जाता है तो इससे बेंगलुरु शहर पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है. देश में बेंगलुरु का ट्रैफिक सबसे बुरा कहा जाता है. यहां की आबादी करीब 11 मिलियन लोगों की है, जबकि यहां 12.5 मिलियन व्हीकल हैं. यानी देखा जाए तो हर एक आदमी के पास एक से अधिक व्हीकल हैं. कारपूलिंग ऐप्स पर बैन लगाए जाने से ऐसे तमाम स्टार्टअप का बिजनेस खतरे में पड़ सकता है जो काम ही कारपूलिंग की दिशा में कर रहे हैं. ऐसे स्टार्टअप बेंगलुरु की ट्रैफिक की समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि BlaBla Car, Quickride, Rideshare, Commute Easy और Carpool Adda जैसे कारपूलिंग ऐप के जरिए 2-4 लोग अपनी-अपनी कार लेकर सड़कों पर नहीं निकलते हैं, बल्कि एक ही कार में सारे लोग राइड शेयर कर के ऑफिस चले जाते हैं. इससे सड़क पर कम गाड़ियां होती हैं, जिसके काफी हद तक ट्रैफिक जाम से निजात मिलती है. यानी बैन लगने से एक तो ट्रैफिक बढ़ेगा और दूसरा स्टार्टअप्स का बिजनेस प्रभावित होगा.