साइंस एंड टेक्नोलॉजी के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के भविष्य के लिए बायोटेक स्टार्टअप (Biotech StartUps) बहुत अहम हैं. जितेंद्र सिंह ने यह बात नई दिल्ली में बायोटेक्नोलॉजी (Biotechnology) विभाग की बायोमैन्युफैक्चरिंग पहल की एक मीटिंग का उद्घाटन करते हुए कही. उन्होंने कहा कि करीब 8-9 साल पहले सिर्फ 50 बायोटेक स्टार्टअप थे, जो आज की तारीख में करीब 6000 हो चुके हैं.

100 अरब डॉलर की हो चुकी है बायोइकनॉमी

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उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश में बायोटेक्नोलॉजी की अपार संभावनाओं के बारे में कई बार बात की है. साल 2014 में भारत की बायोइकनॉमी महज 8 अरब डॉलर की थी, जो आज की तारीख में करीब 100 अरब डॉलर (करीब 8.26 लाख करोड़ रुपये) की हो चुकी है. यह तेजी से बढ़ रही है, इसलिए उम्मीद है कि 2025 तक 150 अरब डॉलर के स्तर को छू लेगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में भारत दुनिया में 12वें नंबर पर है और एशिया पैसिफिक में तीसरे नंबर पर है और वैक्सीन बनाने के मामले में भारत पहले नंबर पर है.

भारत में है बायोरिसोर्सेस की भरमार

जितेंद्र सिंह ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी में दुनिया में छा जाने की ताकत है. भारत के पास बहुत सारे बायोरिसोर्सेस हैं और काफी सारे रिसोर्स का पता लगाना अभी बाकी है. हिमालय में बहुत सारे बायोरिसोर्सेस हैं. इतना ही नहीं, हमारे यहां करीब 7500 किलोमीटर लंबी कोस्टलाइन भी है और पिछले ही साल हमने समुद्रयान लॉन्च किया था, जिसके तहत समुद्र में छिपे बायोरिसोर्सेस का पता लगाया जाएगा.

ट्रेंडिंग करियर की तरह उभर रहा बायोटेक्नोलॉजी

उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी अब युवाओं में एक ट्रेंडिंग करियर की तरह उभरकर सामने आया है. हाल ही में दिल्ली में 12वीं के छात्रों के बीच किए गए एक सर्वे में पता चला कि बायोटेक्नोलॉजी को 4-5 वें नंबर पर रखा गया है. इससे पहले यह करियर ऑप्शन की तरह नहीं देखा जाता था. बायोटेक्नोलॉजी के बारे में बहुत ज्यादा लोग नहीं जानते हैं. यही वजह है कि इसके लिए युवाओं को आकर्षित करने में लंबा वक्त लग गया.