'नये भारत की आधुनिक खादी' खादी ग्रामोद्योग ने साइन किए 3 खास MoUs, अब टीवी पर एंकर दिखेंगे खादी में
MSME मंत्रालय के तहत आने वाले खादी ग्रामोद्योग (KVIC) ने 'नये भारत की आधुनिक खादी' की आधारशिला रखी है. इस दौरान वहां KVIC के अध्यक्ष मनोज गोयल भी मौजूद थे, जिनकी उपस्थिति में दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में तीन अहम समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर हुए.
MSME मंत्रालय के तहत आने वाले खादी ग्रामोद्योग (KVIC) ने 'नये भारत की आधुनिक खादी' की आधारशिला रखी है. इस दौरान वहां KVIC के अध्यक्ष मनोज गोयल भी मौजूद थे, जिनकी उपस्थिति में दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में तीन अहम समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर हुए. खादी ग्रामोद्योग की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक इन पार्टनरशिप से खादी ग्रामोद्योग को आधुनिक बनाने और इसके प्रोडक्ट्स की युवाओं में लोकप्रियता बढ़ाने में मदद मिलेगी. खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन मनोज कुमार ने इस मौके पर पीएम के एंप्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के लाभार्थियों को डकरीब 150 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भी वितरण किया. आइए जानते हैं इस कार्यक्रम के तहत कौन से 3 एमओयू साइन हुए.
इस कार्यक्रम में प्रसार भारती के साथ एक एमओयू साइन हुआ है, जिसके तहत जल्द ही डीडी न्यूज और डीडी इंटरनेशनल चैनलों के एंकर खादी के कपड़ों में नजर आएंगे. मनोज कुमार ने कहा कि पीएम मोदी की लीडरशिप में खादी को आत्मनिर्भर भारत में एक अलग पहचान मिली है. उन्होंने कहा कि प्रसार भारती की मदद से खादी को काफी आगे ले जाया जा सकेगा.
इसके अलावा दूसरा एमओयू एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड के साथ साइन हुआ है. इसके तहत खादी ग्रामोद्योग से जुड़े हर तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर का को बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एनबीसीसी को ही मिलेगा.
इतना ही नहीं, तेजी से बदलती तकनीक के इस दौर में टेक्नोलॉजी के साथ बने रहने के लिए खादी ग्राद्योग ने डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (Digital India Corporation) के साथ भी एक एमओयू साइन किया है.
प्रसार भारती की मदद से खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय करने में मदद मिलेगी. खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन ने एक डैशबोर्ड और एक ATR Portal का भी अनावरण किया, जिसे कमीशन की तमाम स्कीम की एफिशिंट मॉनिटरिंग के लिए शुरू किया गया है. साथ ही इससे उन एक्शन का भी रिकॉर्ड रखा जा सकेगा, जो कमीशन की तरफ से लागू किए जाएंगे.
मनोज कुमार ने कहा कि यह पहल बेरोजगारी से लड़ाई में खादी को एक अहम टूल में बदल सकती है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में खादी ग्राद्योग के प्रोडक्ट्स की सेल्स 1.34 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की हो चुकी है. वहीं इसके चलते करीब 9.54 लाख नई नौकरियां भी पैदा हुई हैं.