स्टार्टअप के लिए जुटाना चाहते हैं Funding? जानिए कैसे बनाएं Startup Plan ताकि इंप्रेस हो जाएं Investor
स्टार्टअप प्लान बनाने की प्रक्रिया ज्यादा मुश्किल नहीं होती है, क्योंकि इसकी एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया होती है. आपको उसमें बिजनेस मॉडल से लेकर फाइनेंसिंग तक के बारे में बताना पड़ता है.
अगर आप अपना कोई स्टार्टअप (Startup) शुरू कर रहे हैं या कुछ वक्त से बिजनेस (Business) कर रहे हैं, कभी ना कभी आपको बिजनेस के लिए पैसों की जरूरत तो पड़ती ही है. इस जरूरत को दो तरीकों से पूरा किया जा सकता है. पहला है बैंक से कर्ज (Bank Loan) लेकर उस पर ब्याज चुकाया जाए और दूसरा तरीका है किसी इन्वेस्टर (Funding) से पैसे लेकर उसे बिजनेस में कुछ हिस्सेदारी दे दी जाए. हालांकि, दोनों ही तरीकों से पैसा जुटाने के लिए आपको एक स्टार्टअप प्लान (Startup Plan) बनाना होता है, ताकि आप सामने वाली पार्टी को इंप्रेस कर सकें. अगर आप ये पहली बार करने जा रहे हैं तो आपको ये बहुत मुश्किल लगेगा, लेकिन यकीन मानिए यह उतना भी मुश्किल नहीं है, जितना सोचने में लग रहा है. तो आइए जानते हैं फंडिंग के लिए कैसे बनाएं स्टार्टअप प्लान (How to make startup plan), ताकि आसानी से मिल सके निवेश.
स्टार्टअप प्लान बनाने की प्रक्रिया ज्यादा मुश्किल नहीं होती है, क्योंकि इसकी एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया होती है. आपको उसमें बिजनेस मॉडल से लेकर फाइनेंसिंग तक के बारे में बताना पड़ता है. कमाई का तरीका भी समझाना होता है. आपके स्टार्टअप प्लान में फंडिंग उठाने के लिए कुछ खास बातें होनी जरूरी हैं.
1- बिजनेस की एक अच्छी सी समरी बनाएं
यह दरअसल आपका बिजनेस आइडिया होता है, जिसे डिटेल में समझाया गया होता है. आपको एग्जिक्युटिव समरी बनानी बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे ही निवेशक या बैंक को आपके बिजनेस के बारे में तमाम बातें पता चलती हैं. इसमें आपको अपने बिजनेस का विजन और मिशन, टारगेट मार्केट, कॉम्पटीशन से तुलना जैसी चीजें लिखी जाती हैं. जब कोई निवेशक इसे पढ़ता है तो उसे आपके बिजनेस को अच्छे से समझने में आसानी होती है. इसके बाद वह ये तय करता है कि आपके बिजनेस में पैसे लगाने हैं या नहीं.
2- कंपनी के बारे में भी बताएं
बिजनेस प्लान में आपको अपनी कंपनी के बारे में भी सारी जानकारी देनी होती है. आपको बताना होता है कि आपका बिजनेस किस चीज का है और उसका लीगल स्ट्रक्चर क्या है और बिजनेस की लोकेशन क्या है. इससे निवेशक को ये समझना आसान होता है कि आपकी बिजनेस रिस्की है या नहीं और वह कितना आगे बढ़ सकता है. साथ ही आपको अपने प्रोडक्ट और सर्विस के बारे में बताना होता है, उसकी यूनीक बात को हाइलाइट करना होता है और ये बताना होता है कि वह प्रोडक्ट टारगेट ऑडिएंश की जरूरतों को पूरा कैसे करेगा. अपने टारगेट मार्केट के बारे में बताते हुए आपको ये बताना होता है कि आप उस मार्केट में अपने बिजनेस को कैसे पोजीशन करना चाहते हैं.
3- मार्केट एनालिसिस करें और स्टार्टअप प्लान में डालें
आपको एक मार्केट एनालिसिस करनी बहुत जरूरी है, जिससे आपको मार्केट के बारे में अच्छे से पता चलेगा. इसके तहत आपको टारगेट मार्केट के बारे में समझना चाहिए, लोगों के सामान खरीदने के पैटर्न को समझना चाहिए. उनके फीडबैक को भी तवज्जो देनी चाहिए. मार्केट में मौजूद मौकों को तो देखें ही, ये भी देखें कि आपके लिए उन बाजार में चुनौतियां क्या हैं. इसके अलावा अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में भी पूरी रिसर्च करें और जाने की उसकी ताकत क्या है और वह कमजोर कहां है. इससे आपको अपने स्टार्टअप को इफेक्टिव तरीके से पोजीशन करने और कुछ हट के स्ट्रेटेजी डेवलप करने में मदद मिलेगी. इन बातों से निवेशक को ये समझने में मदद मिलती है कि आपका बिजनेस कैसे परफॉर्म कर सकता है और फिर वह उसी हिसाब से आपके बिजनेस में पैसा लगाता है.
4- बिजनेस के लिए टीम बनाना
आप अपनी कंपनी के लिए किन लोगों की टीम बना रहे हैं और उसका स्ट्रक्चर क्या होगा, ये सब आपको अपने बिजनेस प्लान में बताना होगा. तमाम टीम मेंबर्स के काम, जिम्मेदारियों और उनकी जरूरी एजुकेशन आदि के बारे में भी आपको बताना होगा. इसमें अपने मेंटर या एडवाइजरी बोर्ड के बारे में भी जरूर बताएं. किसी भी स्टार्टअप के सफल होने के पीछे सबसे बड़ा हाथ उसकी टीम का ही होता है और कोई भी निवेशक किसी भी स्टार्टअप की टीम पर काफी ध्यान देता है. टीम मेंबर्स के बारे में हर निवेशक जरूरत पूछता है, क्योंकि अगर कंपनी को चलाने वाले ही अच्छे नहीं होंगे तो बिजनेस बंद होना तय है. वो कहते हैं ना, गाड़ी कितनी भी महंगी हो, उसे चलाने वाला अनुभवी नहीं होगा तो एक्सिडेंट होना तय है.
5- अपनी स्ट्रेटेजी बताएं, ताकि निवेशक आपका विजन समझ सकें
इसके तहत आपको मार्केटिंग और सेल्स स्ट्रेटेजी बतानी होती है, जिसकी मदद से आप अपने स्टार्टअप को प्रमोट करना चाहते हैं और ग्राहकों को लुभाना चाहते हैं. इफेक्टिव मार्केटिंग चैनल को पहचानें और अपने प्रमोशन के तरीके को समझाएं. अपने डिजिटल मार्केटिंग कैंपेन, सोशल मीडिया एंगेजमेंट, कंटेंट क्रिएशन और परंपरागत विज्ञापन के तरीकों को इसमें शामिल करें. इसमें सेल्स का एक फोरकॉस्ट भी बताएं और अपने डिस्ट्रीब्यूशन चैनल के बारे में बताएं.
6- फाइनेंशियल प्लान बताना सबसे ज्यादा जरूरी
आपको अपने स्टार्टअप के लिए भविष्य की सेल्स और मुनाफे को लेकर एक फाइनेंशियल प्लान बनाना होगा. इसके तहत आपको बताना होगा कि आप कैसे अगले 3-5 साल या जिस भी अवधि में कितना रेवेन्यू हासिल कर सकते हैं, कितने खर्चे हो सकते हैं और इस हिसाब से आपका मुनाफा क्या रह सकता है. जब भी कोई निवेशक आपके बिजनेस प्लान को पढ़ता है तो उसकी सबसे ज्यादा रुचि इसी सेक्शन में होती है, क्योंकि कमाई का रास्ता दिखाने वाला सेक्शन यही होता है. अगर आप कहीं पर कनफ्यूज होते हैं तो इसके लिए प्रोफेशनल की मदद लेने से ना हिचकें, वरना आपकी एक छोटी सी गलती की वजह से निवेशक आपसे दूर हो सकता है.