स्टार्टअप मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing Startup) इकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने सॉफ्टवेयर के क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एचसीएलसॉफ्टवेयर के साथ सहयोग का हाथ बढ़ाया है. 'मैन्युफैक्चरिंग इनक्यूबेशन इनिशिएटिव' के तहत, स्टार्टअप्स को वैश्विक बाजार में पहुंच के लिए 'एचसीएल सिंक कार्यक्रम' तक पहुंच प्राप्त होगी. इसी के साथ स्टार्टअप्स को दुनिया भर में अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा, जिससे भारतीय इनोवेशन को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया जा सकेगा.

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उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा कि यह सहयोग भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश को राष्ट्रीय उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य का समर्थन करता है. डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव सिंह ने कहा, "इस सहयोग से इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय कारोबार वैश्विक मंच पर मजबूत पैर जमा सकेंगे."

उन्होंने प्रोडक्ट स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और उद्यमियों को प्रेरित और समर्थन देकर देश के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए डीपीआईआईटी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. यह सहयोग भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा तथा भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा.

डीपीआईआईटी ने कहा, "इस पहल के साथ स्टार्टअप को भारत के लिए बेहतर बनाया जाएगा और भारतीय बौद्धिक संपदा का विकास किया जाएगा. इसी के साथ स्टार्टअप को वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले विश्व स्तरीय उत्पादों का उत्पादन करने के लिए उपकरण और विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी. इस पहल का उद्देश्य एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाते हुए इंटरकनेक्टेड स्टार्टअप और आपूर्तिकर्ताओं का नेटवर्क स्थापित करना है."

एचसीएलसॉफ्टवेयर के मुख्य उत्पाद अधिकारी कल्याण कुमार के अनुसार, यह भारत की विनिर्माण यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है. कुमार ने कहा कि कंपनी इनोवेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रयास करेगी, जिससे भारत के वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा. 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के तहत, डीपीआईआईटी ने अब तक उद्योग के हितधारकों के साथ 80 से अधिक समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.