Children's Day: 5 बच्चे जो खेलने-कूदने की उम्र में बन गए आंत्रप्रेन्योर, हर महीने कमा रहे हैं लाखों-करोड़ों रुपये
आइए आज बाल दिवस के दिन भारत के ऐसे ही 5 बच्चों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने देश में रहते हुए ही लाखों-करोड़ों का स्टार्टअप (Startup) बिजनेस शुरू कर दिया और खेलने-कूदने की उम्र में बन गए आंत्रप्रेन्योर.
हाल ही में भारतीय मूल की एक लड़की प्रांजली (Pranjali Awasthi) अवस्थी अचानक से चर्चा में आ गई थी, क्योंकि उसने सिर्फ 16 साल की उम्र में ही 100 करोड़ रुपये की वैल्युएशन वाला बिजनेस खड़ा कर दिया था. प्रांजलि ने एआई स्टार्टअप Delv.AI की शुरुआत महज 13 साल की उम्र में की थी और 16 साल की उम्र तक करीब 3.7 करोड़ रुपये की फंडिंग भी जुटा ली. जब अमेरिका में रहने वाली प्रांजली की कहानी लोगों के सामने आई तो सभी ने खूब सराहना की. आइए आज बाल दिवस के दिन भारत के ऐसे ही 5 बच्चों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने देश में रहते हुए ही लाखों-करोड़ों का स्टार्टअप (Startup) बिजनेस शुरू कर दिया और खेलने-कूदने की उम्र में बन गए आंत्रप्रेन्योर.
1- तिलक मेहता- Papers N Parcels (PNP)
मुंबई में रहने वाले महज 13 साल के तिलक मेहता को एक दिन कुछ किताबों की जरूरत थी, जिन्हें काफी दूर से लाना था. उस दिन शाम को उनके पिता ऑफिस से बहुत थके-हारे आए, इसलिए किताब लाने के लिए तिलक उनसे कह नहीं पाए. उसी दिन तिलक ने सोचा कि कोई ऐसा तरीका होना चाहिए, जिससे सिर्फ एक ही दिन में किताबें या जरूरी पेपर शहर में एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाए जा सकें. 8वीं में पढ़ने वाले तिलक मेहता ने उसके बाद शुरू किया Papers N Parcels स्टार्टअप, जो लोगों को पेपर और 3 किलो तक के छोटे पार्सल एक जगह से दूसरी जगह भेजने की सुविधा देता है. तिलक की कंपनी का टर्नओवर करीब 100 करोड़ रुपये है.
इसके लिए तिलक ने मुंबई के 300 से भी अधिक डब्बावालों (लंच बॉक्स डिलीवर करने वाले) से हाथ मिलाया है, जिनकी मदद से ये डिलीवरी की जाती हैं. इससे तिलक का भी फायदा होता है और डब्बावालों की भी अतिरिक्त कमाई होती है. PNP का अपना खुद का मोबाइल ऐप है और इस स्टार्टअप ने करीब 200 लोगों को नौकरी दी है. आने वाले दिनों में तिलक का प्लान स्विगी और जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म के साथ टाई-अप करने का है. वह जल्द ही दिल्ली और बेंगलुरू जैसे शहरों में भी अपने बिजनेस को ले जाना चाहते हैं. तिलक मेहता को उनके पिता की कंपनी ने काफी मदद की, जो लॉजिस्टिक्स सेक्टर में काम करती है. इस लॉजिस्टिक्स कंपनी के मालिक Rushabh Sealink ने तिलक के स्टार्टअप को फंडिंग भी दी है.
2 & 3- श्रवण कुमारन और संजय कुमारन- Go Dimensions
चेन्नई में रहने वाले श्रवण और संजय ने करीब 3 साल पहले अपना स्टार्टअप Go Dimensions शुरू किया था. श्रवण अभी 17 साल के हैं, वहीं संजय की उम्र 15 साल हैं. श्रवण इस स्टार्टअप में प्रेसिडेंट हैं और संजय सीईओ की भूमिका में हैं. दोनों ही बच्चे मोबाइल ऐप्स डेवलप करते हैं. अभी तक वह 11 से अभी अधिक ऐप बना चुके हैं और गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर डाल चुके हैं. इन ऐप्स के 70 हजार से भी अधिक डाउनलोड हो चुके हैं, जिनकी एवरेज रेटिंग 4.5 है. दोनों ही भाई यूजर इंटरफेस को लेकर स्टीव जॉब्स और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के लिए बिल गेट्स से प्रेरित हैं. जब वह 10-12 साल के थे, उस दौरान कम्प्यूटर्स में दोनों की दिलचस्पी बढ़ी थी.
4- अर्जुन संतोष कुमार- LateraLogics
अर्जुन संतोष कुमार LateraLogics के फाउंडर और सीईओ हैं. अर्जुन की साइंस और टेक्नोलॉजी में बहुत रुचि है. ऐसे में महज 12 साल की उम्र में ही उन्होंने कंप्यूटर-मोबाइल ऐप डेवलपमेंट और कंसल्टेशन की सुविधा देने वाला स्टार्टअप LateraLogics शुरू कर दिया. उन्होंने दो अवॉर्ड जीतने वाले सॉफ्टवेयर ऐप बनाए हैं, जिनके नाम Ez School Bus Locator और iSafeGuard हैं. इसके अलावा उन्होंने iRobot, Scribbly, LOCATERA PRO, QR Perform, Smart QMS और iPoster जैसे ऐप भी डिजाइन किए हैं.
अर्जुन ने बचपन से ही कम्प्यूटर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था. जब वह 8 साल के थे तो उन्हें एक रोबोटिक्स किट मिली, जिसकी मदद से उन्हें प्रोग्रामिंग प्रैक्टिस करने का मौका मिला. साथ ही वह कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी बनाने लगे. कुछ सालों बाद उनके पिता ने एक स्मार्टफोन खरीदकर उन्हें दिया, जिसके बाद एमआईटी प्रोग्रामिंग टूल के जरिए एंड्रॉइड ऐप बनाने में उनकी रुचि बढ़ने लगी. बता दें कि एमआईटी प्रोग्रामिंग टूल को गूगल ने डिजाइन किया था और बाद में इसे एमआईटी को दे दिया गया. अभी अर्जुन की उम्र करीब 22 साल है.
5- अद्वैत ठाकुर- Apex Infosys India
19 साल के अद्वैत ठाकुर (Advait Thakur) ने Apex Infosys India नाम का स्टार्टअप शुरू किया है. मुंबई के अद्वैत एक इंडियन कंप्यूटर प्रोग्रामर और इंटरनेट आंत्रप्रेन्योर हैं. उन्होंने सिर्फ 6 साल की उम्र में ही कम्प्यूटर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था और 9 साल की उम्र में पहली वेबसाइट बनाई थी और अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया था. उनका स्टार्टअप डिजिटल सॉल्यूशन मुहैया करता है और एआई, मशीन लर्निंग समेत कई चीजों से जुड़ा हुआ है. अद्वैत को गूगल, बिंग, हबस्पॉट की तरफ से सर्टिफाइड प्रोफेशनल का अवॉर्ड मिल चुका है. साल 2017 में वह Wikia की युवा आंत्रप्रेन्योर्स की लिस्ट में चौथे नंबर पर आए थे. अद्वैत ने फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग से प्रेरणा हासिल की है.