ऑनलाइन सेकंड हैंड कार रिटेलर प्लेटफॉर्म कार्स24 (Cars24) का नुकसान वित्त वर्ष 24 में 6.4 बढ़कर 498 करोड़ रुपये हो गया है. वित्त वर्ष 23 में यह 468 करोड़ रुपये था. कंपनी के खर्च में वित्त वर्ष 24 में बढ़ोतरी देखने को मिली है और यह सालाना आधार पर 23.3 प्रतिशत बढ़कर 7,461 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 6,053 करोड़ रुपये था.

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वित्त वर्ष 24 में कार्स24 की ओर से सबसे अधिक 6,106 करोड़ रुपये गाड़ियां खरीदने पर खर्च किए गए हैं. इसमें सालाना आधार पर 23.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह कुल लागत का 81.8 प्रतिशत है. इसके अलावा बाकी राशि एंम्पलॉय बेनिफिट, विज्ञापन, लीगल, ब्रोकर्स को कमीशन और अन्य मदों पर खर्च किए गए हैं.

कितना हो गया रेवेन्यू?

पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की आय में भी इजाफा हुआ है और यह 25.1 प्रतिशत बढ़कर 6,917 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 5,530 करोड़ रुपये थी. कार्स24 की आय का मुख्य जरिया कारों की बिक्री है. इसका आय में योगदान 92 प्रतिशत है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 24 में कार की बिक्री से आय 24 प्रतिशत बढ़कर 6,400 करोड़ रुपये रही थी, जो कि वित्त वर्ष 23 में 5,164 करोड़ रुपये थी. बाकी की आय फाइनेंसियल सर्विसेज, सर्विस फीस, पार्किंग फीस और अन्य सेवाएं जैसे इंश्योरेंस और वारंटी जैसे घटकों से हुई है.

कंपनी के अनुसार उसने वित्त वर्ष 24 में 2,00,000 से ज्यादा कारों की बिक्री की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्स24 की ओर से बीते 3 वर्षों में कोई नई फंडिंग नहीं जुटाई गई है. दिसंबर 2021 में कंपनी ने 3.3 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर 450 मिलियन डॉलर जुटाए.

इसके प्रमुख निवेशकों में अल्फा वेव, सॉफ्टबैंक, टेनसेंट और डीएसटी ग्लोबल शामिल हैं. कार्स 24 की स्थापना 2015 में हुई थी. कंपनी गाड़ियों की खरीदारी, बिक्री, लोन, बीमा, ड्राइवर ऑन डिमांड, फास्टैग, चालान, स्क्रैपिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करने का काम करती है.