Business Idea: भारत मुख्य रूप से कृषि और कृषि उत्पादों पर निर्भर है. 70% से अधिक आबादी पूरी तरह से कृषि गतिविधियों में लगी हुई है. साइंस और टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट के साथ एग्रीकल्चर में बहुत बड़ा बदलाव आया है. किसान खेती के पारंपरिक तरीके को छोड़ मॉडर्न टेक्नोलॉजी का अपना रहे हैं. साइंड एंड टेक्नोलॉजी की वजह से उत्पादन कई गुना बढ़ा है. इस वर्ष देश में बारिश की स्थिति काफी अच्छी रही और धान का उत्पादन सामान्य रहने की उम्मीद है. मौजूदा खरीफ सीजन 2022-23 के लिए धान की खरीद शुरू हो गई है. ऐसे में इस सीजन में पैडी प्रोसेसिंग यूनिट (Paddy Processing Unit) यानी मिनी राइस मिल (Mini Rice Mill) लगाकर मोटी कमाई कर सकते हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने मिनी राइस मिल यूनिट लगाने पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इसके मुताबिक, मिनी राइस मिल का बिजनेस करने के लिए आपको 3,50,000 लाख रुपये तक की जरूरत होगी. अगर आपके पास जमीन है तो आपकी लागत कुछ कम हो सकती है.

ये भी पढ़ें- Business Idea: सरकारी मदद से शुरू करें ये सुपरहिट बिजनेस, कभी नहीं होगी पैसों की दिक्कत, लाखों में होगी कमाई

प्रोजेक्ट कॉस्ट

केवीआईसी की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक, मिनी राइस मिल लगाने के लिए आपके पास करीब 1000 वर्ग फुट के शेड की जरूरत होगी. बिल्डिंग शेड बनाने पर करीब 2,00,000 रुपये का खर्च आएगा. पैडी क्लिनर के साथ डस्ट ब्लोअर, पैडी सेपरेटर, Paddy Dehusker, राइस पॉलिशर, ब्रान प्रोसेसिंग सिस्टम और एसपिरेटन इक्विपमेंट की खरीद पर 1,00,000 रुपये खर्च होंगे. इन पर कुल मिलाकर 3 लाख रुपये का खर्च आएगा. इसके अलावा वर्किंग कैपिटल के तौर पर 55,000 रुपये रखने होंगे. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कुल 3.55 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी.

कितनी हो सकती है कमाई

KVIC की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप एक साल में 369 क्विंटल     पैडी प्रोसेसिंग करते हैं तो 1200 रुपये प्रति क्विंटल के रेट से इसकी कुल वैल्यू 4,43,000 रुपये होगी. इसकी बिक्री पर प्रोजेक्टेड सेल्स 5,53,000 रुपये हो सकता है. इसका मतलब आपकी कुल कमाई 1 लाख 10 हजार रुपये से अधिक हो सकती है.

ये भी पढ़ें- सुपरहिट है ये सरकारी स्कीम, 25 साल तक जीरो आएगा बिजली का बिल, ₹8.28 लाख की होगी बचत, समझें कैलकुलेशन

केवीआईसी ने कहा है कि ये आंकड़े केवल सांकेतिक हैं और अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर बिल्डिंग पर निवेश को रेंटल से बदल दिया जाए तो प्रोजेक्ट कॉस्ट कम हो जाएगी. मुनाफे में बढ़ोतरी होगी और कैपिटल एक्सपेंडिचर लोन पर ब्याज घट जाएगा.

ये भी पढ़ें- इस फल की खेती करने वालों पर होगी पैसों की बारिश, एक बार खर्च कर 25 साल तक बैठकर कमाएं

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें