प्रदूषण को कम करने के मकसद से ही सरकार ने हर गाड़ी रखने वाले हर शख्स के लिए नियमित रूप से उसकी जांच कराकर प्रदूषण सर्टिफिकेट हासिल करने का नियम बनाया है. यह सर्टिफिकेट 3 महीने से लेकर 12 महीने तक का होता है. ऐसे में अगर आप कम पैसे लगाकर कोई बिजनेस (Business Idea) शुरू करना चाहते हैं तो प्रदूषण जांच केंद्र खोल सकते हैं. प्रदूषण जांच केद्र (Pollution Testing Center) खोलने में आपको सिर्फ 2 लाख रुपये खर्च करने होंगे और उसके बाद हर महीने आप 50 हजार रुपये की कमाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे शुरू करें प्रदूषण जांच केंद्र (How to open Pollution Testing Center) और करें मोटी कमाई.

इस बिजनेस का कितना स्कोप?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हर गुजरते दिन के साथ सड़क पर चलने वाली गाड़ियां बढ़ती ही जा रही हैं. भले ही बात कार की हो या फिर किसी स्कूटी की हो, हर किसी के लिए प्रदूषण सर्टिफिकेट लेना जरूरी है. यह सर्टिफिकेट भी उन्हें हर कुछ महीनों पर लेना पड़ता है, ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि गाड़ी से होने वाला प्रदूषण एक तय सीमा से अधिक नहीं है. अगर नए मोटर व्हीकल एक्ट को देखें तो उसमें प्रदूषण सर्टिफिकेट ना होने पर भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान है. यह जुर्मान 10 हजार रुपये तक का हो सकता है. तो अगर जुर्माने से बचना है तो हर गाड़ी मालिक को यह सर्टिफिकेट लेना ही होगा. यही वजह है कि आजकल तमाम हाईवे के आस-पास और बहुत सारे पेट्रोल पंप पर आपको प्रदूषण जांच केंद्र मिल जाते हैं. 

कितनी आती है लागत?

प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए लागत ज्यादा नहीं है, बस आरटीओ से परमिशन हासिल करने में ही वक्त लगता है. इसके तहत सबसे पहले तो आपके पास जमीन होनी चाहिए या जमीन नहीं है तो फिर कहीं पर आपको थोड़ी जगह किराए पर लेनी होगी. प्रदूषण जांच केंद्र के आवेदन के लिए आपको 5000 रुपये की फीस देनी होगी. वहीं प्रदूषण जांच केंद्र को रीन्यू कराने में भी आपको हर साल 5000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. इसके अलावा आपको लकड़ी और टिन से एक स्ट्रक्चर बनाना होगा, जिसमें भी आपके 30-40 हजार रुपये तक खर्च हो सकते हैं. वहीं प्रदूषण जांच की मशीन, कंप्यूटर, वेब कैम आदि के लिए आपको 1-1.5 लाख रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं. इस तरह देखा जाए तो आपको करीब 2 लाख रुपये का निवेश करना होगा. 

कितना हो सकता है मुनाफा?

अब अगर कमाई की बात करें तो एक पीयूसी सर्टिफिकेट 50-140 रुपये के बीच बनता है. बाइक के लिए यह सबसे कम होता है, जबकि कार वालों के लिए इसकी कीमत करीब 110 रुपये है. वहीं जो लोग डीजल गाड़ी के मालिक हैं उन्हें 140 रुपये खर्च करने होते हैं. अगर सिर्फ 80 रुपये औसत भी ले लें तो आपके पास दिन भर में 15-20 गाड़ियां तो आ ही जाएंगी. ऐसे में आप हर रोज 1200 से 1600 रुपये तक कमा सकते हैं. इस तरह महीने भर में आपकी कमाई 36000 से 48000 रुपये तक हो सकती है. इस तरह देखा जाए तो आप सिर्फ 2 लाख रुपये लगाकर करीब 50 हजार रुपये महीना तक कमा सकते हैं. वहीं अगर आपने यह केंद्र ऐसी जगह खोला, जहां गाड़ियों की आवाजाही बहुत ज्यादा है, तो आपकी कमाई और बढ़ सकती है.

कैसे खोलें प्रदूषण जांच केंद्र?

अगर आप प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपको https://puc.parivahan.gov.in/ पर जाना होगा. वहां पर आपको पीयूसी रजिस्ट्रेशन वाले टैब पर क्लिक करना होगा. इसके बाद एक एप्लिकेशन फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि डालने होंगे. इसके अलावा आपको वहां पर यह भी चुनना होगा कि आप किस राज्य में और किसी ऑफिस के तहत यह केंद्र खोलना चाहते हैं. आपको अपने प्रदूषण जांच केंद्र का एक नाम भी तय करना होगा और वहां डालना होगा. आपका अपने लिए एक पासवर्ड भी चुनना होगा. यहां आपको 5000 रुपये की आवेदन फीस चुकानी होगी और आगे बढ़ना होगा. इसके बाद आपके पास अधिकारियों का फोन आएगा और वह आपसे आगे की प्रक्रिया को लेकर बात करेंगे. ध्यान रहे, इस प्रक्रिया के दौरान अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आई, पता सब कुछ बिल्कुल सही डालें, क्योंकि इन्हीं के जरिए आपसे संपर्क किया जाएगा.

ध्यान रखें कुछ बातें

प्रदूषण जांच केंद्र खोलते वक्त आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. ध्यान रहे कि इसके केबिन का रंग पीला होना चाहिए. तमाम पीयूसी केंद्रों का रंग यूं ही पीला नहीं होता है, सरकार ने यह रंग तय किया है. इसे पीला इसलिए रखा जाता है, ताकि दूर से भी लोग इसे देख सकें. केबिन की लंबाई कम से कम 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर और ऊंचाई 2 मीटर होनी ही चाहिए. इसके अलावा, प्रदूषण जांच केंद्र पर लाइसेंस नंबर का भी लिखा होना जरूरी है. अगर आप चाहें तो इस बिजनेस के लिए मुद्रा लोन भी ले सकते हैं. यानी सरकारी लोन की मदद से आप ये बिजनेस शुरू कर सकते हैं, जिसकी डिमांड हमेशा बनी रहने वाली है.