पिछले कुछ हफ्तों में जोमैटो (Zomato) और मीशो (Meesho) की तरफ से पहली बार मुनाफे में आने की खबर सामने आई है. तमाम स्टार्टअप (Startup) तेजी से खुद को प्रॉफिटेबल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, अभी भी ऐसे कई स्टार्टअप हैं, जिनका नाम तो आप अक्सर ही सुनते हैं या यूं कहें कि रोज ही सुनते होंगे, लेकिन जब बात आती है मुनाफे की तो उन्होंने आज तक एक भी रुपये का मुनाफा (Profit) नहीं दर्ज किया. वैसे आपको ये सुनकर थोड़ी हैरानी हो सकती है ये स्टार्टअप्स अब यूनीकॉर्न (Unicorn) बन चुके हैं. यानी इनका वैल्युएशन 1 अरब डॉलर से भी अधिक हो चुका है, लेकिन आज तक यह नुकसान ही झेल रही हैं. आइए ऐसे ही 10 यूनीकॉर्न के बारे में जानते हैं, जो वित्त वर्ष 2023 तक कभी भी मुनाफा नहीं कमा सके.

1. Swiggy- ₹3,629 करोड़

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ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप स्विगी आज तक मुनाफा नहीं कमा सका है. साल 2014 से ही यह स्टार्टअप नुकसान झेल रहा है और अभी तक नुकसान में है. साल 2022-23 में इस स्टार्टअप को करीब 3629 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. हालांकि, अब मुनाफे में आने के लिए स्विगी ने तमाम कोशिशें शुरू कर दी हैं और इसी के तहत यह एक प्लेटफॉर्म फीस भी लगाने लगा है. इसका कॉम्पटीटर जोमैटो तो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में फायदे में आ गया, लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि स्विगी को पहली बार मुनाफा कब तक होता है.

2. Meesho- ₹3,247 करोड़

मीशो भी यूनीकॉर्न क्लब में पहुंच चुका है, लेकिन साल 2022-23 तक कंपनी मुनाफे में नहीं आ पाई थी. 2021 में ही कंपनी का वैल्युएशन 1 अरब डॉलर पर पहुंचा था. साल 2015 में शुरू हुई मीशो आज तक मुनाफा नहीं कमा पाई है. हालांकि, जुलाई में कंपनी ने कहा है कि अब वह मुनाफे में आ गई है, लेकिन इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है. साल 2022-23 में कंपनी को 3,247 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

3. Udaan- ₹3,030 करोड़

उड़ान भारत का वह स्टार्टअप है, जो सबसे ज्यादा तेजी से यूनीकॉर्न बना है. इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी और महज दो साल के अंदर ही इस कंपनी ने 1 अरब डॉलर की वैल्युएशन का आंकड़ा छू लिया. हालांकि, आज तक यह कंपनी मुनाफा नहीं कमा पाई है. साल 2022-23 में कंपनी को करीब 3030 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है.

4. ShareChat- ₹2,988 करोड़

शेयरचैट भारत का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क है, जो मेड इन इंडिया है. यह एक शॉर्ट वीडियो ऐप Moj भी चलाता है. साल 2015 में शुरू हुआ ये स्टार्टअप आज तक मुनाफे में नहीं आ पाया है. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 2,988 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. हालांकि, कंपनी अब मुनाफे में आने की कोशिश कर रही है और इसी के चलते उसने छंटनी की शुरुआत भी कर दी है. जनवरी के महीने में ही कंपनी ने करीब 500 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया था.

5. Unacademy- ₹2,848 करोड़

अनअकेडेमी का बिजनेस कोरोना काल में तो चला, जब हर कोई ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था, लेकिन मुनाफा नहीं हुआ. अब जब सब कुछ सामान्य हो चुका है तो कंपनी को अपना बिजनेस करने में बहुत दिक्कत हो रही है. नतीजा ये हुआ कि कंपनी को 2022-23 में 2,848 करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा. हालात ये हैं कि कंपनी को मुनाफे में लाने के लिए छंटनी तक का सहारा लिया जा चुका है, लेकिन कंपनी अभी तक मुनाफा नहीं कमा पाई है.

6. PharmEasy- ₹2,731 करोड़

ऑनलाइन फार्मेसी के बिजनेस में भी बहुत सारे स्टार्टअप्स उतरे हुए हैं. रिलायंस ने नेटमेड्स में पैसे लगाए हैं तो टाटा ग्रुप ने 1एमजी को खरीद लिया है. इतने भारी कॉम्पटीशन के चलते ऑनलाइन फार्मेसी के बिजनेस से जुड़े स्टार्टअप  PharmEasy को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. 2015 में शुरू हुए इस यूनीकॉर्न स्टार्टअप को वित्त वर्ष 2022-23 में करीब 2,731 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.

7. Byju's- ₹4,564 करोड़

एडटेक सेक्टर की कंपनियों में इतना कॉम्पटीशन है कि वह भारी नुकसान झेल रही हैं. Byju's तो पिछले कई महीनों से विवादों का भी सामना कर रही है. इस सेक्टर में कमाई को लेकर इतनी दिक्कतें चल रही हैं कि Byju's ने पिछले दो साल से अपने नतीजे ही जारी नहीं किए हैं. आखिरी बार इस यूनीकॉर्न से साल 2021 के नतीजे जारी किए थे, जिसमें इसे 4,564 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. कंपनी ने कहा है कि 2022 का ऑडिट सितंबर 2023 तक और साल 2023 का ऑडिट दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा, जिसके बाद कंपनी नतीजे जारी करेगी. साल 2011 में शुरू हुआ ये एडटेक स्टार्टअप आज तक नुकसान झेल रहा है और मुनाफा कमाने के लिए बहु संघर्ष कर रहा है.

8. DailyHunt- ₹2,563 करोड़

यह एक न्यूज ऐप है, जो यूनीकॉर्न तो बन चुका है, लेकिन नुकसान है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा. इसकी शुरुआत साल 2007 में हुई थी और तब से लेकर अब तक कंपनी मुनाफा नहीं कमा पाई है. साल 2022-23 में भी कंपनी को 2,563 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था.

9. PhonePe- ₹2,014 करोड़

आए दिन हम-आप में से बहुत सारे लोग फोनपे का इस्तेमाल करते ही हैं. फोन पे भारत का सबसे बड़ा यूपीआई ऐप है. हालांकि, इतना बड़ा होने के बावजूद इस स्टार्टअप को नुकसान ही हो रहा है. 2015 में शुरू हुआ ये यूनीकॉर्न फोन पे आज तक मुनाफा नहीं कमा पाया है. साल 2022-23 में कंपनी को 2014 करोड़ रुपये का भारी-भरकम नुकसान झेलना पड़ा था.

10. PayTm- ₹1,776 करोड़

पेटीएम को कौन नहीं जानता. साल 2010 में इसकी शुरुआत विजय शेखर शर्मा ने की थी. हर गली-मोहल्ले में मौजूद दुकानों से लेकर बड़े-बड़े मॉल तक में आपको इसके क्यू आर कोड मिल जाएंगे. हालांकि, देश के हर कोने में बिजनेस फैला होने के बावजूद कंपनी आज तक मुनाफा नहीं कमा पाई है. साल 2022-23 में कंपनी को 1,776 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था.