Jaypee Greens Kalypso Court: यूपी रेरा के तहत पुनर्वासित होकर पूरा होने वाला देश का पहला प्रोजेक्ट बना जेपी कैलिप्सो कोर्ट
Jaypee Greens Kalypso Court: उत्तर प्रदेश रेरा द्वारा रेरा अधिनियम की धारा- 8 के तहत जेपी ग्रीन्स कैलिप्सो कोर्ट फेज – 2 (UPRERAPRJ4695) परियोजना, के अंतिम 2 टावरों, 11 व 12, को नोएडा विकास प्राधिकरण से दिनांक 17 नवम्बर 2022 को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट/ अधिभोग प्रमाण पत्र (ओसी) प्राप्त हो गया है.
Jaypee Greens Kalypso Court: यूपी रेरा के तहत पुनर्वासित होकर पूरा होने वाला देश का पहला प्रोजेक्ट बना जेपी कैलिप्सो कोर्ट (PropTiger)
Jaypee Greens Kalypso Court: यूपी रेरा के तहत पुनर्वासित होकर पूरा होने वाला देश का पहला प्रोजेक्ट बना जेपी कैलिप्सो कोर्ट (PropTiger)
Jaypee Greens Kalypso Court: उत्तर प्रदेश रेरा द्वारा रेरा अधिनियम की धारा- 8 के तहत जेपी ग्रीन्स कैलिप्सो कोर्ट फेज – 2 (UPRERAPRJ4695) परियोजना, के अंतिम 2 टावरों, 11 व 12, को नोएडा विकास प्राधिकरण से दिनांक 17 नवम्बर 2022 को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट/ अधिभोग प्रमाण पत्र (ओसी) प्राप्त हो गया है. इस प्रकार उ. प्र. रेरा के निगरानी में कैलिप्सो कोर्ट परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण देश में रेरा अधिनियम की धारा/ सेक्शन - 8 के तहत पुनर्वासित होकर शेष निर्माण कार्य समाप्त करके पूर्ण होने वाली प्रथम परियोजना बन गई है. यह परियोजना मेसर्स जयप्रकाश एसोसिएटस लिमिटेड द्वारा नोएडा के जेपी विश टाउन, सेक्टर-128, गौतमबुद्ध नगर में विकसित की गई है.
कैलिप्सो कोर्ट परियोजना के टावर 11 व 12 का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त होने से 156 इकाईयों के आवंटियों को कब्ज़ा देने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जायेगी जो वर्षों से फंसे पड़े थे. जुलाई 2020 में इस परियोजना के 4 टावरों का पुनर्वास रेरा अधिनियम की धारा-8 के तहत किया गया था और प्रोमोटर ने अगस्त 2022 माह में टावर 7 और 8 के 148 ईकाइयों का ओसी प्राप्त कर लिया था. इस प्रकार से सभी 4 पुनर्वासित टावरों के 304 ईकाइयों को ओसी प्राप्त होने से इनके कुल 274 आवंटियों को कब्जा देने तथा शेष 30 ईकाइयों के विक्रय का रास्ता खुल गया है.
परियोजना वर्ष 2010-11 में लाई गई थी और घर की बुकिंग के लगभग एक दशक के बाद आवंटियों को अपने सपनों के घर में प्रवेश मिल सकेगा. रियल एस्टेट सेक्टर में रेरा ऐक्ट की धारा-8 के अन्तर्गत पूर्ण करने हेतु कैलिप्सो कोर्ट मॉडल के नाम से प्रचलित यह परियोजना अपने तरह की एक अलग मिसाल बनकर अन्य रुकी परियोजनाओं के प्रोमोटर्स तथा आवंटियों में भरोसा बढ़ाने हेतु मील का पत्थर बनेगी और पुनर्वास हेतु प्रेरित करेगी. सबसे अच्छी बात यह है कि एक दशक से रुकी पड़ी एक रियल एस्टेट परियोजना रेरा अधिनियम के तत्वाधान में लगभग 2 वर्ष में पूर्ण हो गई है.
घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से लागू किया गया था रेरा
रेरा अधिनियम की धारा-8 के अंतर्गत पहली परियोजना के सफलतापूर्वक पूर्ण होने के इस सुखद अवसर पर श्री राजीव कुमार, माननीय अध्यक्ष उ.प्र. रेरा ने परियोजना सलाहकार समिति एवं निगरानी समिति, परियोजना प्रबंधन प्रभाग, प्रोमोटर व आवंटियों के संघ को हार्दिक बधाई दी है. उन्होंने कहा कि "वर्षों से रुकी पड़ी परियोजना का पूर्ण होना पूरे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ी उपलब्धि है. रेरा अधिनियम रियल एस्टेट परियोजनाओं के पूर्ण होने में अत्यधिक विलम्ब पर अंकुश लगाने व घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से लागू किया गया था. रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने में रेरा अधिनियम के प्राविधानों का प्रभावी उपयोग इस क्षेत्र में बड़े सकारात्मक परिवर्तन का द्योतक बनेगा. मुझे गर्व है कि उ.प्र. रेरा इस परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है और रेरा अधिनियम की धारा 8 के प्राविधानों का उपयोग करके देश में पहली परियोजना को पूरा कर रहा है. मुझे विश्वास है कि अधिक से अधिक प्रोमोटर्स व आवंटी संघ इस मंच का उपयोग करके रुकी हुई परियोजनाएं पूर्ण करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाएंगे."
एक भिन्न प्रकार का दृष्टिकोण अपनाते हुए परियोजना के पुनर्निर्माण को स्वीकृति दी गई थी जिससे बन्द पड़ी परियोजनाओं के आवंटियों में एक नई आशा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सके. यह उन 14 परियोजनाओं के लिए एक मील का पत्थर स्थापित होने जैसा है जिन्हे धारा-8 के तहत शेष निर्माण कार्य पूर्ण हेतु स्वीकृत किया गया है. विभिन्न स्तरों पर रुकें इन परियोजनाओं के 7000 आवंटियों को उनका घर उ.प्र. रेरा की देखरेख व निगरानी में पूरी कराया जा रहा हैं.
लॉकडाउन के बावजूद रेरा ने जारी रखा प्रयास
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इस आदेश के अनुपालन के लिए परियोजना के आवंटियों एवं प्रोमोटर के बीच एक पारदर्शी व्यवस्था का निर्माण करना सबसे बड़ी चुनौती थी जो उ. प्र. रेरा एवं श्री आर.डी. पालीवाल, माननीय कन्सिलीएटर तथा अन्य सदस्यों के अथक प्रयासों से सम्भव हो सका एवं प्रोमोटर की तरफ से प्रारम्भिक धनराशि रुपये 45.00 करोड़ एक एस्क्रो अकाउंट में जमा करने के कारण विश्वास की नीव और भी मजबूत हुई. कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर एवं लॉकडाउन की चुनौतियों के बावजूद उ. प्र. रेरा ने निरन्तर प्रयास जारी रखे तथा प्रोमोटर ने निर्माण कार्य जारी रखा. अंततः प्रोमोटर ने टॉवर 7 व 8 के लिए दिसम्बर 2021 तथा टॉवर 11 व 12 के लिए मई 2022 में ओसी हेतु नोएडा विकास प्राधिकरण में आवेदन कर दिया था.
इस परियोजना के पूर्ण होने में आवंटियों के संघ ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. परियोजना के पुनर्वास के लिए प्रोमोटर को सहमत व प्रोत्साहित करने से लेकर परियोजना स्थल पर दिन-प्रतिदिन होने वाले कार्यों की निगरानी तक, आवंटियों का संघ अत्यधिक सक्रिय रहा. इस प्रकार आवंटी संघ ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे आवंटियों के संघ को परियोजनाएं पूर्ण कराने के लिए प्रोमोटरों का समर्थन व सहयोग करना चाहिए और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक आवंटी के हितों की रक्षा हो सके.
परियोजना के 8 टॉवर को 2017 में कराया गया था पंजीकृत
इस परियोजना के 8 टॉवर को प्रोमोटर ने वर्ष 2017 में उ. प्र. रेरा में पंजीकृत कराया था एवं पंजीकरण तिथि समाप्त होने तक केवल 4 टावरों का निर्माण हो सका था. उ. प्र. रेरा की तरफ से 29 जुलाई 2020 को जारी आदेश द्वारा शेष 4 टावरों, टॉवर 7, 8, 11 व 12 के 304 इकाइयों, के पुनर्वास हेतु प्रोमोटर को 50 प्रतिशत से अधिक आवंटियों के संघ, प्रोग्रेसीव वेलफेयर सोसाइटी, की सहमति से अधिकृत किया गया था.
उ. प्र. रेरा ने माननीय सदस्य की अध्यक्षता में एक “परियोजना अनुश्रवण और निगरानी समिति” का गठन किया है जो ऐसे परियोजनाओं का गहन निगरानी करता है. इस समिति में उ. प्र. रेरा के अधिकारियों के अलावा, सम्बन्धित विकास प्राधिकरण के सदस्य, प्रोमोटर और आवंटियों का संघ भी सदस्य होते है. इसके अतिरिक्त उ. प्र. रेरा द्वारा थर्ड पार्टी निर्माण सलाहकार फर्म को नियुक्त किया जो प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करता है तथा विचलन की स्थिति में निगरानी समिति को अपनी मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करता है जिसपर समिति द्वारा आवश्यक निर्णय लिया जाता है. उ. प्र. रेरा द्वारा आदेश पारित होने के बाद लगभग 2 वर्षों तक इस समिति द्वारा ग्रेटर नोएडा कार्यालय व परियोजना स्थल पर अनेकों बैठकें आहूत की गई जिससे परियोजना का निर्माण मानकों के अनुसार पूर्ण हो सके.
रेरा अधिनियम की धारा 8 के प्राविधानों का प्रभावी ढंग से उपयोग करके रुकी हुई परियोजनाओं का पुनर्वास करने में उ.प्र. रेरा अग्रणी भूमिका निभा रहा है. उ.प्र. रेरा ने केन्द्रित व सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रोमोटरों व आवंटियों के संघों की पहचान करने, उन्हें सही परामर्श देने व उनकी देखरेख करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट डिवीजन की स्थापना की. पुनर्वासित परियोजनाओं में से एक के सफलतापूर्वक पूर्ण होने से भविष्य में ऐसी और परियोजनाओं के पुनर्वास की उम्मीद जगी है और भविष्य में उ. प्र. रेरा इस दिशा में सतत् कार्य करता रहेगा.
05:51 PM IST