बिल्डर-बायर के बीच मॉडल समझौते पर कमिटी बनाएगी सरकार, कंज्यूमर्स को मिलेगा प्रोटक्शन
सरकार ने घर खरीदने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने और उपभोक्ताओं को संभावित गड़बड़ियों से बचाने में मदद के लिए खरीदार समझौता मॉडल पर काम करने को लेकर कमिटी गठित करने का फैसला किया है.
सरकार ने घर खरीदने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने और उपभोक्ताओं को संभावित गड़बड़ियों से बचाने में मदद के लिए खरीदार समझौता मॉडल पर काम करने को लेकर कमिटी गठित करने का फैसला किया है. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव रोहित कुमार सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि समिति के सदस्यों में न्यायाधीश, राष्ट्रीय और राज्य उपभोक्ता आयोग, विभिन्न उपभोक्ता निकाय, वकीलों के साथ-साथ उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के लोग होंगे. यह समिति अगले तीन महीने में गठित होने की उम्मीद है.
इससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से आयोजित रियल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित शिकायतों का प्रभावी ढंग से निवारण विषय पर एक गोलमेज बैठक को संबोधित किया था. उन्होंने कहा कि घर खरीदारों और कंपनियों के बीच विवाद की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है, बशर्ते अगर एक बिल्डर और एक खरीदार के बीच अनुबंध को मानकीकृत किया जाये और एकरूपता लाई जाए.
पूरे देश में लागू हो मॉडल
रोहित सिंह ने कहा कि यह एक अनूठा दस्तावेज होना चाहिए, जो पूरे देश में लागू हो. इससे समस्या का निपटान किया जा सकता है. सिंह ने कहा, ‘‘इसलिए हमने एक समिति बनाने और खरीदार और विक्रेता (बिल्डर) के बीच एक आदर्श समझौते का दस्तावेज बनाने का फैसला किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मॉडल समझौते को निश्चित रूप से सभी संबद्ध पक्षों के परामर्श से तैयार करेंगे और फिर हम इसे सुप्रीम कोर्ट में जमा करेंगे व इसे सभी राज्यों को भेजेंगे.’’
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