रेलवे को मिला डिजिटल इंडिया का फायदा, महीनों का काम मिनटों में निपटाया
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल ने 5 फरवरी 2019 को एक नया रिकॉर्ड बनाया. दरअसल यहां पर रेलवे का एक ई-टेंडर मात्र 30 मिनट में ही फाइनल करते हुए काम शुरू करने के लिए आवंटित कर दिया गया.
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल ने 5 फरवरी 2019 को एक नया रिकॉर्ड बनाया. दरअसल यहां पर रेलवे का एक ई-टेंडर मात्र 30 मिनट में ही फाइनल करते हुए काम शुरू करने के लिए आवंटित कर दिया गया. जबकि रेलवे को एक टेंडर को तैयार करने और उसे आवंटित करने में महीनों का समय लगता है. भारतीय रेलवे में अब तक आगरा मंडल के नाम मात्र दो महीने में ई-टेंडर करने का रिकार्ड था. लकिन जबलपुर मंडल ने मात्र 30 मिनट में टेंडर कर ये रिकॉर्ड तोड दिया. जबलपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि इस टेंडर को डिजिटल इंडिया के तहत ही रिकॉर्ड समय में पूरा किया जा सका है. आने वाले दिनों में हम इस तरह के और कार्य करने का प्रयास करेंगे.
ये किया जाना था काम
दरअसल जबलपुर मंडल में रेलवे की दीवारों पर विज्ञापन लिखने का एक काम किया जाना था. इस टेंडर के लिए 6 जनवरी 2019 को निविदा प्रकाशित की गयी थी, इस टेंडर के अनुसार मंडल की रेलवे की दीवारों के 5000 वर्ग फीट के बाहरी हिस्से पर विज्ञापन लेखन का काम किया जाना था.
ये थी लाइसेंस फीस
इसके लिए मात्र एक लाख पैंतीस हजार रुपये वार्षिक लाइसेंस फीस पर कोई भी विज्ञापन एजेंसी अपनी निविदा ई टेंडर के माध्यम से रेलवे को भेज सकती थी. 05 फरवरी 2019 को यह टेंडर दोपहर 15.30 बजे खोला गया. यह टेंडर कटनी की एक कंपनी के नाम खुला. ठेकेदार ने रेलवे की प्रस्तावित लायसेंस फीस से एक लाख रुपये अधिक देने की बात टेंडर में भरी थी.
ठेकेदार को तत्काल जारी किया गया लेटर
रेलवे को प्रस्तावित लायसेंस फीस से अधिक राशी मिलने पर रेलवे की ओर से तत्काल लेटर आफ एक्स्सेपटेन्स जारी कर दिया और काम एलाट कर दिया दिया गया. अधिकारियो के निर्देश पर यह कार्य सभी उपचारिकताए पूर्ण करने के बाद मात्र 30 मिनिट्स में पूर्ण कर लिया गया.