वंदे भारत स्लीपर के इंटीरियर का पहला वीडियो हुआ जारी, अंदर का लुक देख भूल जाएंगे यूरोप की ट्रेनें
Vande Bharat Sleeper Train Update: वंदे भारत, अमृत भारत और वंदे मेट्रो जैसी ट्रेनों की सफलता के बाद देश में वंदे स्लीपर ट्रेनें चलने के लिए पूरी तरह से तैयार है. ICF चेन्नई ने इसे लेकर पहला वीडियो जारी किया है.
Vande Bharat Sleeper Train Update: वंदे भारत, अमृत भारत और वंदे मेट्रो जैसी ट्रेनों की सफलता के बाद देश में वंदे स्लीपर ट्रेनें चलने के लिए पूरी तरह से तैयार है. अब इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF Chennai) ने बेहतर सिक्योरिटी सिस्टम, बेस्ट कैटेगरी के इंटीरियर के साथ वंदे भारत के स्लीपर कोच को पेश किया है. वर्तमान में देश में 77 जोड़ी वंदे भारत ट्रेन चलाए जा रहे हैं. हालांकि, ये सभी AC चेयर कार हैं. ICF ने लंबी जर्नी और रात में ट्रैवल करने के अनुकूल वंदे भारत के स्लीपर कोचों को देश के सामने पेश किया किया है.
वंदे भारत स्लीपर के फिनिशिंग पर चल रहा काम
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के जनरल मैनेजर यू. सुब्बा राव ने वंदे भारत स्लीपर (Vande Bharat sleeper) कोच की खासियत को बताते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि BEML और ICF मिलकर इसकी फिनिशिंग पर काम कर रहे हैं. ट्रायल में इन ट्रेनों के इमरजेंसी ब्रेक, कंट्रोल सिस्टम और इलेक्ट्रिकल सिस्टम पर काम किया जा रहा है.
15 नवंबर तक होगी टेस्टिंग
उन्होंने कहा कि यह ट्रेन एक प्रोटोटाइप है, जिसमें BEML और ICF ने साथ मिलकर तैयार किया है. यह लगभग 10-15 दिन पहले यहां आई है. हम फिलहाल इसकी कमीशनिंग कर रहे हैं और इसके अंदर कई छोटे-छोटे काम हैं, जिसे पूरा कर लिया गया है. फर्निशिंग का काम पूरा हो चुका है और 15 नवंबर तक हम टेस्टिंग का काम पूरा करने वाले हैं. यह टेस्टिंग लखनऊ आरडीएसओ और पश्चिमी रेलवे में किया जाएगा.
180 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड पर होगी टेस्टिंग
उन्होंने बताया कि प्रोटोटाइप ट्रेन की टेस्टिंग 15 नवंबर से शुरू होगी. जो कि अलग-अलग चरणों में 90 किमी प्रति घंटे से लेकर 180 किमी प्रति घंटे तक जाएगी. 2 महीने तक चलने वाली ये टेस्टिंग 15 जनवरी तक समाप्त होने की उम्मीद है. इस टेस्टिंग के बाद ट्रेन के सर्टिफिकेशन का रास्ता खुलेगा.
पटरियों की भी बढ़ेगी रफ्तार
पटरियों के अपग्रेड को लेकर उन्होंने बताया कि ट्रेन के साथ-साथ पटरियों को अपग्रेड करना एक लगातार चलने वाला प्रोसेस है. भारत सरकार फिलहाल कई खंडो को 160 किमी प्रति घंटे तक अपग्रेड करने के लिए पहचान की जा चुकी है. बहुत सारे ट्रैकों को फिलहाल 130 किमी प्रति घंटे के लिए अपग्रेड किया जा रहा है.