भारतीय रेलवे की सभी सेवाएं तेजी से कैशलेस होती जा रही हैं, भारतीय रेल में यात्री सेवा से जुड़े लेनदेन लगभग 70% तक कैशलेस हो चुके हैं. इसमें टिकट बुकिंग, स्टेशनों पर विभिन्न सेवाओं का भुगतान आदि शामिल है. वहीं माल ढुलाई की बात करें तो इस क्षेत्र में लगभग 99% लेनदेन अब कैशलेस हो चुका हैं.

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टिकटिंग हुई और आसान

रेलवे की ओर से रेलवे के टिकट लेने की सुविधा को बेहत आसान बनाया जा चुका है. वर्तमान समय में IRCTC की ओर से चलाई जा रही रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा के जरिए 70 फीसदी तक टिकट बुक हो रही है. प्रमुख रूप से राजधानी व शताब्दी जैसी ट्रेनों में तो ज्यादातर टिकट ऑनलाइन ही बुक हो रही है. वहीं हाल ही में रेलवे ने अनारक्षित टिकट (UTS) टिकटों को बुक करने के लिए ऐप जारी कर इस सुविधा को भी कैशलेस बना दिया है.

मालभाड़े के लिए लेनदेन 99 फीसदी हुआ डिजिटल

रेलवे की आय का सबसे बड़ा हिस्सा मालभाड़े की ढुलाई से आता है. रेलवे ने अपनी इस सेवा को लगभग पूरी तरह से कैशलेस कर दिया है. वर्तमान समय में माल भाढ़े की ढुलाई में 99 फीसदी लेनदेन कैशलेस किया जा रहा है.

रेलवे की ओर से कैशलेस ट्रांजेक्शन को किया जा रहा है प्रोत्साहित

रेलवे की ओर से कैशलेस ट्रांजेक्टन या डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. रेलवे की ओर ये ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर यूपीआई भीम ऐप के जरिए पेमेंट करने पर टिकट की कीमत पर पांच रुपये की छूट दी जा रही है. वहीं समय - समय पर रेलवे की ओर से जागरूकता अभियान चला कर यात्रियों को डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.