भारतीय रेलवे एक दिन में दे रहा है 13 हजार सवालों का जवाब, आप भी लें इस सुविधा का फायदा
लॉकडाउन के दौरान यात्रियों और रेल ग्राहकों की शिकायतें और सुझाव सुनने और उन पर तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए भारतीय रेलवे ने एक कोविड-19 आपातकालीन सेल (Emergency cell) बनाई गई थी. इसके काफी सकारात्मक परिणाम मिले हैं. इसके जरिए रेलवे रोज 13 हजार सवालों के जवाब दे रहा है.
भारतीय रेल (Indian Railways) ने यात्रियों और सभी ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए और इस मुश्किल समय में राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं. कोविड-19 (COVID-19) महमारी के चलते देश में लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. इस दौरान रेलवे ने सभी यात्री सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है. इसके बावजूद आम जनता से रेलवे का नाता नहीं टूटा है. लॉकडाउन के दौरान यात्रियों और रेल ग्राहकों की शिकायतें और सुझाव सुनने और उन पर तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए अलग से एक कोविड-19 आपातकालीन सेल (Emergency cell) बनाई गई थी. इसके काफी सकारात्मक परिणाम मिले हैं. रेलवे रोज 13 हजार सवालों के जवाब दे रहा है.
इन नम्बरों पर फोन कर आप भी पाएं जवाब
रेलवे का यह आपातकालीन सेल एक राष्ट्रीय स्तर की इकाई है. इसमें रेलवे बोर्ड (Railway board) से लेकर उसके डिवीजनों तक के लगभग 400 अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान, यह प्रकोष्ठ पांच संचार और प्रतिक्रिया प्लेटफार्मों - हेल्पलाइन नंबर (Helpline number) 139 और 138, सोशल मीडिया (social media) (विशेष रूप से ट्विटर), ईमेल (railmadad@rb.railnet.gov.in)और सीपीग्राम के माध्यम से आम लोगों को उनके सवालों के जवाब दे रहा है. इस सेल के जरिए रोज लगभग 13,000 सवालों के जवाब आम लोगों को दिए जा रहे हैं. इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक सवाल का सीधे तौर पर टेलीफोन पर जवाब दिया गया वो भी कॉल करने वाले व्यक्ति की स्थानीय भाषा में. ये सेल रात दिन 24 घंटे काम कर रहा है.
रेल मदद हेल्पलाइन पर बड़ी संख्या में लोगों ने फोन किया
रेल मदद हेल्पलाइन 139 पर लॉकडाउन के पहले चार हफ्तों में टेलीफोन पर सीधे संवाद के जरिए 2,30,000 से अधिक सवालों के जवाब दिए गए. हेल्पलाइन नंबर 138 और 139 पर रेल सेवाओं के शुरू होने और टिकट वापसी के नियमों की जानकारी दी गई.
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स्थानीय भाषा में दिया जा रहा है जवाब
लॉकडाउन की इसी अवधि के दौरान, हेल्पलाइन नंबर 138 पर 1,10,000 से काफी कॉल आईं, जो कि जियो-फेन्सड है यानी यदि ऐसी कोई भी कॉल रेलवे डिवीजनल कंट्रोल ऑफ़िस में आती है. इस नम्बर पर रेलवे कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे चलने वाली हेल्पलाइन सेवा के जरिए ऐसी कॉल का जवाब कॉल करने वाले व्यक्ति की भाषा में ही दिया जाता है. कंट्रोल रूम में ऐसे अधिकारियों की तैनाती की गई है जो स्थानीय भाषाओं से भलिभांति वाकिफ होते हैं. इस सुविधा से लोगों को काफी सहूलियत हुई है.
07:59 PM IST