Train 18 की बेहतरनी तकनीक को एक सप्ताह परखा जाएगा, फिर होगी स्पीड पर जांच
देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी Train 18 आईसीएफ कोच फैक्ट्री से चल कर दिल्ली होते हुए तकनीकी ट्रायल के लिए मुरादाबाद पहुंच चुकी है. इस रेलगाड़ी को रविवार से लगभग एक सप्ताह तक मुरादाबाद से बरेली के बीच परखा जाएगा.
देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी Train 18 आईसीएफ कोच फैक्ट्री से चल कर दिल्ली होते हुए तकनीकी ट्रायल के लिए मुरादाबाद पहुंच चुकी है. इस रेलगाड़ी को रविवार से लगभग एक सप्ताह तक मुरादाबाद से बरेली के बीच परखा जाएगा. इस ट्रायल के लिए इस रेलगाड़ी में सीटों पर यात्रियों के वजन के बराबर रेत की बोरियां रखने के साथ ही ट्रेन में कई तरह की मशीनें लगाई गई हैं. इन मशीनों के जरिए इस ट्रायल के दौरान यह जांच की जाएगी कि 100 से 120 किलोमीटर तक की गति पर गाड़ी में कहीं कंपन तो नहीं होता है. तीखी घुमावदार पटरियों पर रेलगाड़ी कितना झुकती है. इन घुमाओं पर रेलगाड़ी कितनी तेजी से गुजर सकती है. गाड़ी में कहीं कोई कंपन तो नहीं होता या ब्रेक लगाने पर कोई झटका तो महसूस नहीं होता है. इन सब बातों को मशीनों के माध्यम से बेहद बारीकी से नापा जाएगा. मुरादाबाद से बरेली के बीच यह ट्रायल 7 दिन चलेगा.
कोटा के लिए रवाना होगी Train 18
मुरादबाद से बरेली के बीच तकनीकी तौर पर परखे जाने के बाद एक सप्ताह के बाद Train 18 को कोटा के लिए रवाना कर दिया जाएगा. कोटा से सवाई माधोपुर के बीच इस रेलगाड़ी का 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रायल होना है. इस ट्रायल के दौरान विभिन्न सेंसरों की मदद से यह जांचा जाएगा कि किस गति पर यह गाड़ी किस तरह से प्रतिक्रिया करती है. इस गाड़ी को यहां पर 120 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति से चला कर जांचा जाएगा.
अगले महीने सीआरएस से मांगी जाएगी अनुमति
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यदि सबकुछ ठीक रहा तो दिसम्बर महीने में कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से इस गाड़ी को नियमित तौर पर चलाने की अनुमति मांगी जाएगी. इसके पश्चात कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से अनुमति मिलने के साथ ही इस गाड़ी को आम यात्रियों के लिए चलाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.