Train18: घने कोहरे ने थामी इस सेमी हाई स्पीड गाड़ी की रफ्तार, 40 मिनट की देरी से पहुंची
रेलवे ने देश की सबसे आधुनिक व देश की पहली सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी Train 18 को चलाने को ले कर तैयारियां पूरी कर ली हैं. 02 फरवरी को इस रेलगाड़ी के लिए किया गया टाइमिंग ट्रायल काफी हद तक सफल रहा.
रेलवे ने देश की सबसे आधुनिक व देश की पहली सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी Train 18 को चलाने को ले कर तैयारियां पूरी कर ली हैं. 02 फरवरी को इस रेलगाड़ी के लिए किया गया टाइमिंग ट्रायल काफी हद तक सफल रहा. वापस में रास्ते में घना कोहरा होने के बावजूद यह गाड़ी लगभग 40 मिनट की देरी से दिल्ली पहुंच गई. इस गाड़ी की नियमित सेवा को शुरू किए जाने के बाद इस गाड़ी दिल्ली से वाराणसी की दूरी 08.35 घंटे तय करनी होगी. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस रेलगाड़ी को 07 से 10 फरवरी के बीच किसी भी दिन नई दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना कर आम लोगों के लिए सेवा को शुरू कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गाड़ी को नई दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. ऐसे में प्रधानमंत्री का समय मिलने पर इस गाड़ी को चलाने की तारीख घोषित होगी.
समय से पहले पहुंची Train 18
Train 18 अपने टाइम ट्रायल में पूरे नम्बरों से पास हो गई यह गाड़ी 02 फरवरी को सुबह अपने निर्धारित समय 06 बजे नई दिल्ली से रवाना हुई. वहीं यह ट्रेन अपने निर्धारित समय 10.18 बजे से लगभग 15 मिनट पहले 10.03 बजे कानपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई. यहां से रवाना होने के बाद यह गाड़ी इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर अपने निर्धारित समय 12.25 से लगभग 12 मिनट पहले पहुंच गई. इस रेलगाड़ी को 2.35 बजे वाराणसी रेलवे स्टेशन पहुंचना है. लेकिन 10 मिनट की देरी से यह गाड़ी वाराणसी पहुंच सकी.
जानिए किस नाम से चलेगी Train 18
भारतीय रेलवे ने देश की पहली सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी Train 18 को देश भर में Vande Bharat Express (वंदे भारत एक्सप्रेस) नाम से चलाने की घोषणा की गई है. इस गाड़ी को भारतीय रेलवे की चेन्नई स्थित कोच फैक्ट्री ICF ने विकसित किया है. इस गाड़ी का परीक्षण 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति पर किया जा चुका है. लेकिन दिल्ली से वाराणसी की यात्रा के दौरान इस रेलगाड़ी को अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति से ही चलाया जाएगा. व्यस्त रूट व पटरियों की स्थिति को देखते हुए इस गाड़ी को 130 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की गति पर नहीं चलाने का निर्णय लिया गया है.
ये होगा Train 18 का किराया
Train 18 में यात्रा करने के लिए रेल यात्रियों को अधिक पैसे खर्च करने होंगे. इस गाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह पर चलाया जाना है. लेकिन इस गाड़ी का किराया शताब्दी रेलगाड़ियों से कीं अधिक होगा. इस गाड़ी का किराया गतिमान रेलगाड़ी के किराए के करीब हो सकता है. शताब्दी रेलगाड़ियों की तुलना में गतिमान एक्सप्रेस का किराया कहीं अधिक है. उदाहरण के तौर गतिमान एक्सप्रेस से दिल्ली से आगरा तक की यात्रा के लिए यात्रियों को चेयर कार श्रेणी में लगभग 750 रुपये और एक्जीक्यूटिव क्लास की श्रेणी में 1495 रुपये किराया देना होता है. वहीं भोपाल शताब्दी से यदि आप दिल्ली से आगरा तक की यात्रा करते हैं तो आपको चेयर कार श्रेणी के लिए 675 रुपये व एक्जीक्यूटिव क्लास के लिए 1010 रुपये किराया देना होता है.
सभी पैमानों पर पास हुई ट्रेन 18
कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से नई दिल्ली से आगरा के बीच चलाई गई Train 18 लगभग सभी पैमानों पर पास हो गई है. कमिश्नर रेलवे सेफ्टी के अनुसार यह गाड़ी यात्रा के लिए काफी आरामदायक है. इस जांच के दौरान गाड़ी को 181 किलोमीटर प्रति घंटा की गति पर चलाया गया. जांच के बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी काफी संतुष्ट दिखे. हालांकि उन्होंने गाड़ी में छोटे-मोटे सुधार करने की भी बात कही है.
जल्द ही देशभर में दिखेगी Train 18
Train 18 के बेहतरीन प्रदर्शन से उत्साहित रेल मंत्रालय ने 4 और T-18 ट्रेन बनाने का ऑर्डर दिया है. रेल मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में Train 18 को तैयार करने वाली रेलवे की चैन्नई स्थित कोच फैक्ट्री ICF को मार्च के पहले 4 और Train-18 ट्रेनें बनाने के ऑर्डर दिए गए हैं. इन रेलगाड़ियों को देश के विभिन्न हिस्सों में चलाया जाएगा.
टी-18 की खूबियां
टी-18 ट्रेन में यूरोप में चलने वाली आधुनिक गाड़ियों की तरह तमाम खूबियां हैं. यह रेलगाड़ी देश की पहली ट्रेन सेट है. इसमें इंजन लगाने की जरूरत नहीं है. पहले कोच में ड्राइवर के लिए अलग केबिन है. प्लेटफॉर्म से गाड़ी में चढ़ने के लिए ट्रेन में एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया गया है जो अपने-आप एडजस्ट हो जाता है. इस रेलगाड़ी का ऐरोडियानिमिक डिजाइन इसकी स्पीड बढ़ाने की मदद करता है. गाड़ी में कुल 16 कोच हैं, जिनमें 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के कोच हैं.
इस ट्रेन में हैं ये सुविधाएं
एक्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बों में 52 सीटें और अन्य कोचों में 78 सीटें हैं. इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह पर चलाया जाएगा. इस ट्रेन में सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स (जिससे यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू से बात कर सकें) दिया गया है, साथ ही सीसीटीवी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षित सफर हो.