रेलवे की विभिन्न वर्कशॉप और प्रोडक्शन यूनिटों में कर्मचारियों को घंटे के आधार पर मिलने वाले इनसेंटिंव बोनस को ले कर बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक है. रेल कर्मिचारी संगठनों और रेल प्रशासन के बीच होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में वर्कशॉक के कर्मचारियों को 7th Pay Commission के तहत इंसेंटिव बोनस दिए जाने पर चर्चा होगी. इस बैठक से कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आने की संभावना है.

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7CPC के तहत भत्ते की मांग

ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि 7th Pay Commission लागू होने के बाद कर्मचारियों को मिलने वाले सभी भत्ते 7th Pay Commission के तहत मिलने चाहिए. रेल प्रशासन से कई बैठकें करने के बाद कुछ भत्ते 7th Pay Commission के तहत दिए जाने शुरू कर दिए गए हैं लेकिन वर्कशॉप में कर्मचारियों को घंटे के आधार पर मिलने वाला इनसेंटिस बोनस अभी भी छठे वेतन आयोग के तहत दिया जा रहा है. इसी रेल कर्मियों को 7th CPC के तहत भत्ते दिए जाने को ले कर ही बुधवार को बैठक है.

कहां फंसा है पेंच

रेलवे की वर्कशॉप में काम करने वाले कर्मचारियों को काम के घंटों के अतिरिक्त काम करने पर हर घंटे के लिए इनसेंटिव बोनस दिया जाता है. यह बोनस तय करने का एक फार्मूला है. यदि इस फार्मूले के तहत कर्मचारियों को इनसेंटिव दिया जाता है तो रेलवे पर काफी अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा. ऐसे में रेल प्रशासन बीच का कोई रास्ता निकालना चाहता है ताकि कर्मचारियों के इनसेंटिव बोनस में 7th Pay Commission के तहत वृद्धि न करना पड़े. वहीं रेल कर्मचारी संगठन फार्मूले के तहत ही इनसेंटिव में वृद्धि की बात कर रहे हैं.

 

रेल प्रशासन की बढ़ सकती है मुश्किल

दरअसल जब से 7th Pay Commission लागू हो गया है रेल कर्मचारियों को तभी से इनसेंटिव बोनस बढ़ी दरों के आधार पर मिलना चाहिए. लेकिन अब तक इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाने के चलते कर्मचारियों को पुरानी दरों से ही इनसेंटिव मिल रहा है. ऐसे में यदि कर्मचारियों को आने वाले समय में यदि रेलवे 7th Pay Commission के तहत इनसेंटिव बोनस देता है तो रेलवे को काफी अधिक पैसा कर्मचारियों को एरियर देने के लिए खर्च करना पड़ेगा.