स्टील एथारिटी ऑफ इंडिया ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले स्थित बेतिया में सेल की नई स्टील प्रोसेसिंग यूनिट लगाई है. केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह और केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान इस यूनिट को राष्ट्र को समर्पित किया. इस इकाई में उच्च गुणवत्ता की स्टील ट्यूब और पाइप का उत्पादन होगा.

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क्षमता बढ़ाने का रखा गया लक्ष्य

सेल की इस यूनिट के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने बेतिया स्टील प्रोसेसिंग यूनिट को इस क्षेत्र की इस्पात जरूरतों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा, " मुझे आप सबको यह बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि इस्पात मंत्रालय अपनी राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत 2031 तक अपनी उत्पादन क्षमता को 300 मिलियन टन तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है और देश के कस्बों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात खपत बढ़ाने पर जोर भी दे रहा है. हमारा यह कदम शहरी और ग्रामीण भारत के बीच इस्पात खपत के भारी अंतर को पाटने में मददगार साबित होगा. यह स्टील प्रोसेसिंग यूनिट इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है.”

शुरु हो चुका है उत्पादन

इस्पात मंत्री ने आगे कहा, "इस इकाई से ट्रायल उत्पादन जनवरी 2019 से शुरू हो चुका है. बोकारो और राउरकेला इस्पात संयंत्र की तकनीकी सहायता से शुरू की जा रही इस इकाई के लिए बोकारो इस्पात संयंत्र कच्चे माल आपूर्ति करेगा.  कृषि आधारित क्षेत्र होने के चलते इस क्षेत्र में और आस-पास के इलाकों में उच्च गुणवत्ता के पाइप की काफी मांग है, जिसके चलते 50,000 टन प्रति वर्ष की स्थापित क्षमता वाली यह इकाई इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन में खुशहाली लाने का जरिया बनेगा.

स्थानीय लोगों के लिए बहुत बड़ा तोहफा

केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने इस संयंत्र के लिये इस्पात मंत्रालय और सेल को धन्यवाद देते हुए कहा, "यह स्टील प्रोसेसिंग यूनिट यहां के लोगों का सपना है और सेल द्वारा इस यूनिट से उत्पादन की शुरुआत यहां के लोगों की उम्मीद की नई सुबह है. मुझे पूरा विश्वास है कि यह यूनिट आने वाले दिनों में न केवल अपनी क्षमता का विस्तार करेगी बल्कि लोगों को पहले से भी अधिक रोजगार प्रदान करेगी. इस तरह के कारखाने लगने से न केवल क्षेत्रीय विकास होता है बल्कि लोगों के जीवन में खुशहाली भी आती है.

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष पर चंपारण को तोहफा

सेल अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने इस मौके पर कहा, "यह महान संयोग है कि सेल अपने उत्पादन के 60 साल पर, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में, उनके पहले सत्याग्रह की कर्मभूमि चंपारण के बेतिया में इस स्टील प्रोसेसिंग यूनिट के लोकार्पण समारोह का निमित्त बन रहा है. यह इकाई वाणिज्यिक उत्पादन के लिए तैयार है. इस इकाई से बेतिया और चंपारण के आस-पास के जिलों समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्टील ट्यूब और पाइप की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. इस इकाई से उत्पादित स्टील ट्यूब का इस्तेमाल निर्माण कार्यों और स्टील पाइप का उपयोग जल परिवहन और सीवरेज़ जैसी जरूरतों में किया जा सकेगा. "

देश भर में स्थापित होंगी यूनिटें

राष्ट्रीय इस्पात नीति और भारत सरकार दोनों का ज़ोर ग्रामीण भारत में इस्पात खपत बढ़ाने पर है. इसके साथ ही सेल देश मेँ वैल्यू एडेड इस्पात उत्पादन बढ़ाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है. इसके लिए सेल ने देश भर में, खासकर उन राज्यों के अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां एकीकृत इस्पात संयंत्र नहीं हैं; वहाँ स्टील प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया है, जिसमें से यह एक महत्वपूर्ण यूनिट है.

50,000 टन है इस प्लांट की क्षमता

सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र की देखरेख में शुरू होने जा रही इस स्टील प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापित क्षमता 50,000 टन है, जिसके लिए बोकारो इस्पात संयंत्र कच्चे माल की आपूर्ति करेगा. यह इकाई बोकारो और राउरकेला इस्पात संयंत्र की तकनीकी सहायता से शुरू की जा रही है. इस कारखाने के बड़े ट्यूब मिल से ट्रायल उत्पादन पहले ही चालू हो चुका है तथा छोटे ट्यूब मिल से उत्पादन बहुत जल्द शुरू हो जाएगा.

इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

कृषि आधारित क्षेत्र होने के चलते इस क्षेत्र में और आस-पास के इलाकों में उच्च गुणवत्ता के पाइप की काफी मांग है, जिसके चलते इस इकाई से बेतिया और चंपारण के आस-पास के जिलों समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्टील ट्यूब और पाइप की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.  साथ ही यह यूनिट इस क्षेत्र और आस-पास के इलाकों के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.